चुनाव आयोग (EC) ने शुक्रवार को मणिपुर के उग्रवादी गुटों के सदस्यों को को विधानसभा चुनाव में पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान करने की इजाजत दे दी है। ये वही उग्रवादी समूह है जिसने कुछ वक़्त पहले सरकार के साथ समझौता किया था और अब वर्तमान में राज्य के अलग-अलग कैंप्स में रह रहे हैं। इन उग्रवादी गुटों को पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान करने की इजाजत दी गई है।
मौजूदा वक़्त में मणिपुर राज्य में कुल 20 से अधिक उग्रवादी समूह सक्रिय हैं जिनमें यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (UPF) और कुकी राष्ट्रीय संगठन (KNO) शामिल है। मालूम हो कि ये सभी संगठन ने केंद्र सरकार के साथ एक युद्धविराम समझौता किया है और उस पर हस्ताक्षर भी किया है। इस समझौते के तहत ये दोनों उग्रवादी संगठन किसी भी गैर विरोधी कार्यों में लिप्त नहीं रहेंगे। मणिपुर में विधानसभा चुनाव 27 फरवरी से शुरू होंगे।
राज्य में अलग-अलग कैंप्स में रह रहे उग्रवादी
इन ग्रुप्स के उग्रवादी मणिपुर राज्य में अलग-अलग कैंप्स में रह रहे हैं, जिन्हें सरकार की ओर से बनाया गया है। इसके अलावा कुछ अंडरग्राउंड ग्रुप्स ने भी केंद्र सरकार के साथ मेमोरैंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) पर हस्ताक्षर किया है। इसके अलावा सरकार की ओर से इन्हें मुख्यधारा में जोड़ने का प्रयास लगातार जारी है।
उग्रवादियों ने वोटिंग लिस्ट में दर्ज कराया अपना नाम
केंद्र सरकार का कहना है कि इन सभी समूह से जुड़े तमाम सदस्यों ने वोटिंग लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराया है, जिसे देखते हुए अब इन सभी को पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान की सुविधा दी प्रदान की जाएगी। चुनाव आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इन सभी लोगों को भी मतदान का अधिकार है। चुकी इन सभी को कैंप्स से बाहर नहीं लाया जा सकता है इसलिए इनके लिए पोस्टल बैलेट की सुविधा मुहैया कराई जाएगी।