कोरोना महामारी के बीच मणिपुर में बीजेपी गठबंधन सरकार खतरे में है। बुधवार को तीन बीजेपी विधायकों ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। सबसे बड़ी बात यह है कि राज्य के उपमुख्यमंत्री वाई जयकुमार सिंह ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, इसके अलावा 3 अन्य मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया है। वही टीएमसी और निर्दलीय विधायक ने भी बिरेन सिंह सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है।
जिन विधायकों ने बीजेपी छोड़ कांग्रेस का दामन थामा है, उनके नाम हैं – सुभाषचंद्र सिंह, टीटी हाओकिप और सैमुअल जेंदई। वहीं NPP पार्टी की ओर से उपमुख्यमंत्री वाई जयकुमार सिंह, मंत्री एनकायिसी, मंत्री एल जयंत कुमार सिंह और लेतपाओ हाओकिप ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं निर्दलीय विधायक शहाबुद्दीन ने भी बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है।
सियासी उठापठक की असल वजह
दरअसल, सरकार राज्य में परिसीमन लागू करना चाहती है। जिसे NPP नहीं चाहती। बता दें, केंद्र सरकार जम्मू, लद्दाख, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में नए सिरे से लोकसभा और विधानसभा की सीटें बनाना चाहती है। जिसे लेकर मणिपुर में सियासी उठापठक मच गई।
28 फरवरी, 2020 को परिसीमन आयोग द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, परिसीमन और पुनरावृत्ति अभ्यास को परिसीमन अधिनियम, 2002 के तहत 2001 की जनगणना के आधार पर लिया जाना है। अभ्यास के लिए गठित परिसीमन आयोग का नेतृत्व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई ने किया है और यह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और उत्तर-पूर्वी राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नागालैंड के लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों को फिर से बनाएगा।
चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र और जम्मू और कश्मीर के राज्य चुनाव आयुक्त और चार राज्यों के पदेन सदस्य होंगे। अधिसूचना के अनुसार आयोग असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नागालैंड के निर्वाचन क्षेत्रों को परिसीमन अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के अनुसार परिसीमन करेगा।