महान देशभक्त शहीद असफाकउल्लाह खान के 121वीं जयंती के अवसर पर नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्नोलॉजी(एनएसयूटी) में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा आज 21 साल की जिस उम्र में युवा अपने करियर के बारे में सोच रहे होते है उस उम्र में शहीद असफाकउल्लाह खान ने देश को अंग्रेजों से मुक्त करवाने को सबसे बड़ी चुनौती के रूप में देखा व आजादी के आन्दोलन में शामिल हो गए और मात्र 27 साल की उम्र में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया| उन्होंने कहा कि आज देश के सामने तीन सबसे बड़ी चुनौतियाँ है| हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा न मिलना, बेरोजगारी व आर्थिक प्रगति की धीमी दर| ऐसे में जरुरी है कि देशभक्ति के जिस जज्बे के साथ शहीद असफाकउल्लाह खान जैसे क्रांतिकारियों ने भारत को आजादी दिलाई थी ठीक उसी जज्बे और देशभक्ति के साथ हमारे युवा अपने ज्ञान के द्वारा देश की चुनौतियों को दूर करने का काम करे| उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि हमारे युवा इन चुनौतियों से निपटने का ख्वाब पाले। एक सपना जरुर देखें। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल सरकार देश में मौजूद इन चुनौतियों से निपटने के लिए देशभक्ति, हैप्पीनेस व एंत्रप्रेन्योरशिप पाठ्यक्रमों की मदद से दिल्ली के सरकारी स्कूलों में देशभक्त बच्चे तैयार कर रही है| देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए केजरीवाल सरकार के ‘देश के मेंटर’ प्रोग्राम में भी युवा बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे है। 1 सप्ताह के भीतर 12000 से अधिक युवा इस मेंटरशिप कार्यक्रम का हिस्सा बने है| हर युवा दिल्ली के स्कूलों के 5 बच्चों को मेंटर करेगा।
उल्लेखनीय है कि शहीद असफाकउल्लाह खान के जन्मदिवस पर उन्हें नमन करते हुए एनएसयूटी में वर्ल्ड क्लास स्किल सेंटर, 400 हाई-एंड कंप्यूटर से लैस हाई परफोर्मिंग कंप्यूटर सेंटर, वर्ल्ड क्लास आर्ट स्टूडियो और शहीद असफाकउल्लाह फिटनेस सेंटर की शुरुआत की गई|
श्री सिसोदिया ने कहा कि देशभक्ति हम सभी के भीतर होती है लेकिन हम अपने सुविधा के अनुसार देशभक्ति को अपना रहे है| इस देशभक्ति के दायरे को बढ़ाने के लिए केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के स्कूलों में देशभक्ति पाठ्यक्रम की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य रोजमर्रा की जिन्दगी में देशभक्ति का दायरा बढ़ाना है और देशभक्ति को लेकर जो अधूरापन है उसे ख़त्म करना है| उन्होंने कहा कि “आज हमें ये सोचने की जरुरत है कि अमर शहीदों में देशभक्ति का ऐसा क्या जुनून था कि आज जिस उम्र में युवा अपने करियर के विषय में सोच रहे होते है उस उम्र में हमारे अमर शहीद देश के लिए जान कुर्बान कर गए| श्री सिसोदिया ने कहा कि देश की आजादी से पहले हमारे क्रांतिकारियों ने सपना पाला की उन्हें अंग्रेजों से देश को मुक्त करना है, क्रांतिकारियों ने तब जो चुनौतियाँ थी उसका सामना करने का निर्णय लिया| ठीक उसी तरह आज देश के युवाओं को जरुरत है कि वो देश में मौजूद तत्कालीन चुनौतियों को पहचाने और उसे दूर करने के लिए प्रयास करें|
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी से पहले देश में चुनौती अंग्रेजों को खदेड़ने की थी| वह तत्कालीन चुनौती थी और हमारे क्रांतिकारियों ने बखूबी उन चुनौतियों को दूर करने का काम किया| आज भी देश के सामने कुछ चुनौतियाँ है जिसे ख़त्म करने की जरुरत है:
1. आज देश में हर बच्चे को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है| कुछ बच्चों को तो शानदार शिक्षा मिल पा रही है लेकिन बहुत से बच्चों को नहीं इसलिए हमें एक न्यूनतम बेंचमार्क तैयार करने की जरुरत है| हमें ये सुनिश्चित करना है कि देश में शत प्रतिशत बच्चे को क्वालिटी एजुकेशन मिलें| इसलिए आज देश को ऐसे लोगों की जरुरत है जो ऐसा सपना देखे और उसे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हो|
2. आज देश में बेरोजगारी चरम पर है| पढ़े-लिखे युवा भी बेरोजगार घूम रहे है| 10वीं की पात्रता वाले नौकरियों के लिए पोस्ट-ग्रेजुएट और पीएचडी डिग्री धारक लोग आवेदन कर रहे| हमें देश से बेरोजगारी की इस समस्या को दूर करना है|
3. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि देश में तीसरी समस्या देश के आर्थिक प्रगति की है| आज से 40-50 साल पहले भी किताबों में पढ़ाया जाता था कि भारत एक विकासशील देश है और आज भी यही पढ़ाया जाता है कि भारत एक विकासशील देश है| हमें मिलकर ये परिभाषा बदलनी होगी और हम केवल नाम नहीं बदलेंगे बल्कि ये स्थिति भी बदलेंगे और भारत को विकसित देश बनायेंगे
श्री सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पिछले 5-6 सालों में शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम किया है| स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हुआ है, टीचर्स को विदेशों में ट्रेनिंग दिलवाई गई है, बच्चों की शिक्षा के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है| लेकिन सरकारों की भी एक सीमा है और शिक्षा का विस्तृत आयाम है इसलिए हम चाहते है कि कम्युनिटी शिक्षा के साथ जुड़े और इसे एक जनांदोलन बनाने का काम करे| इस दिशा में दिल्ली सरकार ने देश के मेंटर कार्यक्रम की शुरुआत की है| उन्होंने आहवान करते हुए कहा कि कॉलेज में पढ़ने वाले युवा मेंटर बनकर राष्ट्र के प्रति अपना दायित्व निभाए|और आगे बढ़कर दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले इन बच्चों की बड़े भाई-बहन के रूप में हैण्ड-होल्डिंग करने का काम करे| उन्होंने साझा किया कि देश के मेंटर कार्यक्रम के लांच होने के 1 सप्ताह के भीतर 12000 से ज्यादा युवा इस कार्यक्रम के साथ जुड़कर मेंटर की भूमिका निभा रहे है| श्री सिसोदिया ने कहा कि मेंटर के रूप में भूमिका निभाने वाले कॉलेज विद्यार्थियों को कुछ क्रेडिट अंक भी दिया जाएगा|
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव के आवश्यकताओं पर चर्चा करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज टेक्नोलॉजी तेजी के साथ बदल रही है| पहले जिन सूचनाओं को पहुँचने में 1-2 साल का समय लगता था अब वे सूचनाएं मिनटों में एक जगह से दूसरी जगह तक पहुँच जाती है| इसलिए हमें अपने शिक्षा संस्थानों में ऐसे पाठ्यक्रम तैयार करने की जरुरत है जो तेज़ी से बदती दुनिया और भविष्य की जरूरतों के अनुरूप हो| उन्होंने कहा कि आज आम भारतीय घरों में ये सपना देखा जाता है कि कुछ जुगाड़ लग जाए अपने बच्चों को पढ़ने के लिए अमेरिका,यूरोप या जापान की किसी यूनिवर्सिटी में भेजेंगे| हमे इस सोच को बदलने की जरुरत है और देश में ऐसे यूनिवर्सिटी तैयार करने की जरुरत है ताकि अमेरिका,यूरोप या जापान में बैठा परिवार ये सपना देखे की वे अपने बच्चे को पढ़ने के लिए भारत की किसी यूनिवर्सिटी में भेजे| श्री सिसोदिया ने कहा कि ये बेहद जरुरी है कि स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद हमारे बच्चे एंत्रप्रेन्योर माइंडसेट के साथ बाहर निकले| और जॉब सीकर नहीं बल्कि जॉब प्रोवाइडर बनें|