वैक्सीन,मास्क,ऑक्सीमीटर से जीएसटी हटा जनता पर टैक्स का भार कम करे केंद्र-सिसोदिया

दिल्ली। उपमुख्यमंत्री  मनीष सिसोदिया ने शनिवार को जीएसटी कॉउंसिल की मीटिंग में सैनिटाइजर, ऑक्सीजन सिलिंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, वैक्सीन, थर्मामीटर, ऑक्सीमीटर जैसी आवश्यक वस्तुओं को जीएसटी के दायरे से बाहर लाए जाने की मांग की ताकि आर्थिक तंगी से जूझ रहे आम आदमी पर टैक्स का भार न पड़े।लेकिन केंद्र सरकार और भाजपा शासित राज्यों के वित्तमंत्रियों ने इसपर आपत्ति जताई और इन वस्तुओं पर टैक्स बनाए रखने का निर्णय लिया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज देशभर के लोगों जीएसटी कॉउंसिल की बैठक पर निगाह लगी हुई थी. लोग सरकार के निर्णय का इंतजार कर रहे थे कि सरकार महामारी से लड़ने के लिए जरुरी वस्तुओं को जीएसटी के दायरे से बाहर करेगी. लेकिन काउंसिल में बीजेपी शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों सहित केंद्रीय वित्त मंत्री ने इसके उलट निर्णय लिया.

काउंसिल की बैठक में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज ये कड़वा सच है कि मास्क, सैनिटाइजर जैसे वस्तुएं लोगों के मासिक बजट का हिस्सा बन चुकी है, लोग जब हर महीने मास्क और सैनिटाइजर खरीदने में 500-500 रुपये खर्च करते है तो सोचते है कि क्या उन्हें इनपर टैक्स देने से बचत मिलेगी या नहीं। कोरोना के कारण आम आदमी एक ओर जहां पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा है उसके बावजूद क्या मेडिकल इक्विपमेंट्स जैसी आवश्यक वस्तुओं को जीएसटी के दायरे में रखना मानवीय है?

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रिटेन में तेज़ी से कोरोना के मामले बढ़ रहे है और इससे भारत में भी कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना है। इस समय राज्य और केंद्र सरकार मिलकर प्राइवेट और सरकारी हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए निवेश कर रही है। लेकिन जब सरकार किसी निजी अस्पताल को 10 लाख रुपये खर्च कर अपने बेड को वेंटीलेटर बेड में तब्दील करने को कहती है तो अस्पतालों के मन में ये सवाल ज़रूर आता है कि 10 लाख रुपये निवेश करने के साथ-साथ उन्हें 50 हज़ार रुपये टैक्स भी देना होगा इससे वो निवेश के प्रति उदासीन हो जाते है। उन्होंने कहा कि संकट के इस समय सरकारों को टैक्स कमाई करने की बजाए लोगों की मदद करने की ज़रूरत है।

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली सहित कई राज्यों के वित्तमंत्रियों ने सैनिटाइजर,  ऑक्सीजन सिलिंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, वैक्सीन, थर्मामीटर, ऑक्सीमीटर जैसी आवश्यक वस्तुओं को जीएसटी के दायरे से बाहर लाने की मांग का समर्थन किया लेकिन केंद्र और भाजपा शासित राज्यों के वित्तमंत्रियों इसे जीएसटी की दायरे से बाहर नहीं लाना चाहते बल्कि पूरी तरह से टैक्स लगाने के पक्ष में है। इस कारण इन आवश्यक वस्तुओं से टैक्स नहीं हटाया गया जो आम आदमी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।

दिल्ली सरकार ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय के इस निर्णय से असहमति जताई है। और केंद्र सरकार से अपील की है कि संकट के इस दौर में जब आम आदमी की कमाई बंद हो गई है और वो मेडिकल खर्चों से घिर गया है उस दशा में सरकार आवश्यक मेडिकल वस्तुओं पर टैक्स लगाकर कमाई न करे। सरकार खुले मन और बड़े दिल से इस निर्णय पर दोबारा सोच विचार करे और सैनिटाइजर,  ऑक्सीजन सिलिंडर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, वैक्सीन, थर्मामीटर, ऑक्सीमीटर जैसी आवश्यक वस्तुओं को जीएसटी के दायरे से बाहर करे।

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