पीलीभीत उ.प्र. 17 मई। मेनका संजय गांधी के किसानों को गन्ना न बोने के बयान पर विरोधी सारी ऊर्जा के साथ उन्हें घेरने पर लग गए हैं। उन्हें बैठे बिठाए यह मुद्दा हाथ लग गया है जिससे भाजपा को किसान विरोधी साबित कर सकें।राष्ट्रीय किसान मजदूर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह ने मेनका संजय गांधी के इस बयान की आलोचना की है। वे देश के 193 कृषक संगठनों के संयुक्त मंच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं। उन्होंने पीलीभीत की सांसद मेनका गांधी की गन्ना किसानों को दी गई इस नसीहत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। मेनका गांधी ने गन्ना किसानों की समस्याओं को सुनने की बजाय उन्हें यह कहकर गन्ना बोने से ही मना कर दिया कि इस देश को चीनी की जरूरत नहीं है ।
श्री सिंह ने कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है जिसमें पीलीभीत एक ऐसा जनपद है जहां गन्ना प्रमुख आर्थिक फसल है। तर्क देते हुए उन्होंने कहा कि शारदा तथा देवहा नदियों द्वारा प्रतिवर्ष बाढ़ से होने वाली बर्बादी के दौरान गन्ना ही एकमात्र ऐसी फसल है जो किसानों के आंसू पौंछने में अपना योगदान दे पाती है। उन् ऐसे में श्रीमती गांधी की कृषकों को दी गई नसीहत उनकी पूर्ण विमुखता का परिचायक है।
उन्होंने कहा कि बीते 25 वर्षों से पीलीभीत के कृषक श्रीमती गांधी को वोट देते आ रहे हैं, बदले में उन्हें सिर्फ अपमान मिला। दूसरी तरफ 25 वर्ष से अधिक समय से वह गन्ना किसानों के हित संरक्षण के लिए उच्च न्यायालय से लेकर उच्चतम न्यायालय तक कानूनी संघर्ष से कृषकों को उनके अधिकार दिलाते रहे है।
वह देश की 21 राजनैतिक पार्टियों के साझा समर्थन के साथ किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाये जाने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कृषकों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि वह शीघ्र पीलीभीत आएंगे ओर अन्नदाताओं को उनके अधिकारों से वंचित नहीं रहने देंगे। उन्होंने कहा कि अब स्वयं किसान सोचें ओर फैसला करें कि गन्ना छुड़वाकर किसानों का चूल्हा बुझाने वाली सांसद को छोड़ेंगे या गन्ना लगाना छोड़ेंगे ?
मेनका की सफाई, 25 सालो से कर रही गन्ना किसानो की मदद
केन्द्रीय मंत्री मेनका संजय गांधी का का बीते दिनो गन्ना किसानों से बात करते हुये एक वीडियो वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में मेनका गन्ना किसानों से कह रही थी कि क्यों बोते हो गन्ना, देश को चीनी की जरूरत नहीं है और नाही तुम्हारा गन्ना बढने वाला है। हजार बार मैने कहा कि गन्ना मत बोया करो। इसी पर मेनका गांधी ने अपना पक्ष रखा है। उन्होने कहा है कि कुछ लोग वीडियो वायरल कर रहे है कि मैने कहा कि गन्ना ना उगाये। वे पिछले 25 सालो से वो गन्ना किसानो की मदद कर रही है। बात यह है कि पीलीभीत में 5 चीनी मिले है जिसमें से एक 10 सालो से बंद है। एक का व्यालर अभी ब्लास्ट हुआ है, एक ने 3 सालो से भुगतान नहीं किया है। एक ने 1 साल से पैसा नहीं दिया है। केवल एक ही मिल है प्राईवेट में जो काम कर रही है।
सफाई में कहा कि केवल मैं ही एक ऐसी हूॅ जिसने ठान लिया है कि किसानों का सारा गन्ना खरीदा जाये। रातों रात सारे किसानों का गन्ना दूसरी मिल में ट्रांसफर करवाया। उनके ही हस्तक्षेप से मिल के जीएम ने वादा किया कि वो सारी पर्चिया देकर गन्ना खरीदेगें। इसके बाद जाते वक्त मैने उनको बोला कि इतना गन्ना क्यों उगाते हो,जब हर साल मिलो के साथ यही तमाशा होता है। कोई पर्ची नहीं देता किसी का कुछ और हो जाता है तो क्यो ना कुछ और सोचा जाये। जिससे किसानो को गन्ने से ज्यादा पैसा मिले। इसी दिन सुबह कृषि विज्ञान केन्द्र जाकर भी मैने कहा कि हमारे किसानो को कुछ तो सिखाओ जिससे उनको तकलीफ ना हो। मेंनका ने इस सफाई के साथ कहा यह है असली बाकी आप खुद परख ले कि सच्चाई क्या है।