भाजपा से अपनी सियासी पारी शुरू करने की घोषणा करने के बाद, 88 वर्षीय ‘मेट्रो मैन’ ई श्रीधरन ने कहा कि अगर केरल में भाजपा की सत्ता आती है, तो वो मुख्यमंत्री पद के रूप में अपनी सेवाएं देना चाहेंगे। बीजेपी के शासन की रणनीति बनाते हुए उन्होंने कहा कि भगवा पार्टी का फोकस केरल को कर्ज के जाल से निकालना, बुनियादी ढांचा विकसित करना होगा। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि उन्हें राज्यपाल बनने में कोई दिलचस्पी नहीं थी क्योंकि वे ऐसी ‘संवैधानिक’ स्थिति में योगदान देने में सक्षम नहीं होंगे, जिसमें कोई शक्तियां न हों। आपको याद दिला दें कि केरल में अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं।
उन्होंने कहा, ‘मेरा मुख्य मकसद बीजेपी को केरल में सत्ता में लाना है। अगर बीजेपी केरल में चुनाव जीतती है तो तीन-चार ऐसे क्षेत्र होंगे जिसपर हम ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। इसमें बड़े स्तर पर आधारभूत संरचना का विकास और राज्य में उद्योगों को लाना शामिल है।’
इसके अलावा ई श्रीधरन ने केंद्र के नए कृषि कानूनों का जमकर समर्थन किया और कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के हर कदम का विरोध करना एक फैशन सा बन गया है। श्रीधरन ने कहा कि देश में कोई असहिष्णुता नहीं है।उन्होंने कहा कि किसी विदेशी मंच अथवा माध्यम में सरकार की छवि खराब करने की किसी भी कोशिश को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं कहा जा सकता क्योंकि वह व्यवस्था के खिलाफ युद्ध के समान होगा और अगर इसका इस्तेमाल हमारे देश के ही खिलाफ हो रहा है तो इस संवैधानिक अधिकार पर नियंत्रण किया जाना चाहिए।