संतोषसिंह नेगी/चमोली/ भारत-चीन सीमा के नजदीक गमसाली गांव के दुम्पुधार केे लिए इस बार भी स्वतंत्रता दिवस बेहद खास है। 15 अगस्त को बदरीनाथ के विधायक महेंद्र भट्ट ने ध्वजारोहण किया गमशाली में स्वतंत्रता दिवस पर विशेष मेले का आयोजन किया जाता है।पांच गांवों से स्वतंत्रता दिवस की झांकी निकली जाती हैै और प्रतिस्पर्धा होती है उत्तराखंड के चमोली जिले में चीन सीमा से लगा क्षेत्र चीनी सैनिकों की घुसपैठ को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहता है। हाल में भी वहां चीनी सैनिकों की आवाजाही देखी गई थी। सामरिक लिहाज से यह बेहद ही संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है।इसी सीमांत क्षेत्र के नजदीक है चमोली का सुदूरवर्ती गांव गमसाली, जहां आजादी का जश्न बेहद अनूठे अंदाज में मनाया जाता है। विधायक महेन्द्र भट्ट ने कहा आज का दिन गमशााली के लिए विशेेेष है सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इस मले को राजकीय मेेेला की घोषित कर दिया है ।
गमसाली ऐसा सुदूरवर्ती गांव है, जहां लोगों को देश के आजाद होने की जानकारी पांच दिन बाद 20 अगस्त 1947 को मिल पाई थी। गमसाली के निवासी आजादी के जश्न को हर साल बेहद अनूठे अंदाज में मनाते हैं। स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्त को गांव में मेले का आयोजन किया जाता है। इस बार वहां के निवासियों के लिए स्वतंत्रता दिवस और भी खास है क्योंकि इस मेले को सरकार ने विशेष दर्जा दिया है।