भोपाल लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी BJP की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने उनके कबड्डी खेलने का वीडियो बनाने वाले व्यक्ति को ‘‘रावण’’ कहा और कहा कि संतों से टकराने वाले व्यक्ति का बुढ़ापा और अगला जन्म खराब हो जाता है। हाल में सोशल मीडिया पर प्रज्ञा का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वह कथित तौर पर कबड्डी खेलते दिख रही हैं।
बता दें शुक्रवार रात को भोपाल के सिंधी समुदाय बहुल उप नगर संत नगर में दशहरा कार्यक्रम के दौरान प्रज्ञा ने कहा, ‘‘परसों मैं आरती के लिए गई, वहां ग्राउंड में सामने खिलाड़ी थे। उन्होंने मुझे बुलाया, बोले दीदी एक बार आप रेड डाल दिजिए। मैं जब कबड्डी बोलने गई और वापस आई तो वो छोटा सा सीन वीडियो में डल गया और इसे सोशल मीडिया पर डाल दिया।’’
सांसद ने कहा, ‘‘यह आप लोगों के बीच का कोई रावण है। मेरा कोई बड़ा वाला दुश्मन है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से उसके संस्कार बिगड़ गए हैं और जिसके संस्कार बिगड़ गए हैं, मैं कहती हूं, अब सुधर जाओ, नहीं तो बुढ़ापा और आने वाला जन्म भी बिगड़ जाएगा क्योंकि राष्ट्रभक्त, क्रांतिकारी और ऊपर से संत, इनसे जब भी कोई टकराया है, ना रावण बचा है, ना कंस बचा, न ही वर्तमान के अधर्मी, विधर्मी बचेंगे।’’ उन्होंने कहा कि उनकी तपस्या और ध्यान जनता के लिए है।
वीडियो में प्रज्ञा एक काली मंदिर परिसर में कथित तौर पर कबड्डी खेलती नजर आ रही हैं। इससे पहले एक वीडियो में वह गरबा नृत्य करते दिखी गई है। वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में प्रज्ञा को चिकित्सा के आधार पर जमानत मिली है तथा लंबे समय से वह व्हीलचेयर पर हैं।
सांसद का बचाव करते हुए उनकी बड़ी बहन उपमा ठाकुर ने बताया कि सांसद रीढ़ की हड्डी की समस्या से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आप नहीं जानते कि किस क्षण प्रज्ञा के लिए यह समस्या पैदा कर सकता है। उसकी एल 4 और एल 5 (रीढ़ की हड्डी) ट्रांसप्लांट होने से यह समस्या हुई है क्योंकि आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस), महाराष्ट्र के जांचकर्ताओं ने प्रज्ञा को फर्श पर पटक दिया था।’’
उपमा ने कहा, ‘‘जब भी प्रज्ञा को ये समस्या होती है तो उसके शरीर का निचला हिस्सा सुन्न हो जाता है… यह तब भी हो सकता है, जब वह बैठती है या किसी वाहन से उतरती है।’’वहीं, कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के नेताओं ने प्रज्ञा ठाकुर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनके कई चेहरे हैं, कभी वह व्हीलचेयर पर दिखाई देती हैं तो कभी गरबा और कबड्डी खेलती हैं।
आपको बताते चलें मालेगांव विस्फोट में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई थी। मामले में 51 वर्षीय भाजपा सांसद जमानत पर हैं और उन्होंने अपनी शारीरिक स्थिति का हवाला देते हुए निचली अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट मांगी थी। वह लगभग नौ साल तक जेल में रहीं और 2017 में उन्हें जमानत मिली।