
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री आदेश गुप्ता ने केजरीवाल सरकार को आगाह करते हुए कहा कि रिहायशी क्षेत्रो में शराब की दुकानें न खोली जाए और जो दुकानें खुली हुई है उन्हें तुरंत बंद किया जाए नहीं तो निगम इस पर कड़ी कार्रवाई करेगी। इसके लिए तीनों निगमों को साफ तौर पर आदेश दिए गए हैं।
आदेश गुप्ता ने कहा-
पटेल नगर में नई आबकारी नीति के तहत रिहायशी इलाकों में शराब की दुकानें खोले जाने के विरोध में हुए प्रदर्शन में कहा कि जो नई शराब की दुकानें खोली जा रही हैं उनमें से अधिकतर दुकानें गैर-पुष्टि क्षेत्र, आवासीय क्षेत्रों और यहां तक कि विद्यालय और धार्मिक स्थल के आसपास और ग्रामीण क्षेत्रों में खोली जा रही है और जो निगम के दिशा निर्देशानुसार या दिल्ली मास्टर प्लान 2021 का पालन न करता हो, उन दुकानों पर तुंरत रोक लगाई जाए। अगर कोई दुकान इन नियमों का पालन न कर रहा है तो उसे तीन दिन के अंदर बंद कर दिया जाएगा। पंजाब में जाकर नशामुक्ति की बात करने वाले केजरीवाल दिल्ली को शराब नगरी बनाने पर तुले हुए हैं।
नई आबकारी नीति के तहत खोले गए शराब की दुकानों में दो दुकानों को बंद करवाने के लिए पटेल नगर मार्केट एसोसिएशन को धन्यवाद देते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल स्वयं और पार्टी की फंडिंग के लिए नई शराब की दुकानें खोलने का काम कर रहे हैं। गोवा और उत्तराखंड में जाकर चुनावी वायदें कर रहे हैं, लेकिन दिल्ली में सरकार रहते हुए भी वे उन बातों पर अमल नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में नई आबकारी नीति लागू करने के पीछे सरकार ने वजह बताई कि इससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी जबकि हकीकत ये है 65,000 करोड़ रुपये का दिल्ली का बजट है। लगभग 40 प्रतिशत बजट का पैसा हर साल वापस चला जाता है। मतलब ये कि सालाना बजट का पूरा पैसा खर्च नहीं कर पाने वाले केजरीवाल को आखिर क्यों नई आबकारी नीति की जरुरत पड़ गई जबकि वे स्वयं विधानसभा में चीख-चीख कर कहते रहे हैं कि दिल्ली का सालाना बजट सरप्लस में है।
दिल्लीवासियों को याद दिलाते हुए कहा कि यही केजरीवाल हैं जिन्होंने ‘स्वराज’ नामक पुस्तक लिखी थी जिसका विमोचन उस समय उनके द्वारा किए गए स्वराज आंदोलन के मुखिया अन्ना हज़ारे ने किया था। इस किताब के पृष्ठ संख्या 114 पर लिखा हुआ है कि स्वराज आंदोलन भ्रष्टाचार और वैसी शराब की दुकानें जो मोहल्ले या रिहायशी इलाकों में खोली गई है, उन्हें बंद करने के लिए क्रांति का काम करेगा लेकिन आज अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि वहीं केजरीवाल सत्ता में आने के बाद दिल्ली के युवाओं को शराब के नशे में झोंकना पर आतुर हैं।
उन्होंने कहा कि कोई भी शराबी पिता नहीं चाहेगा कि उसका बेटा शराबी बने। सत्ता में आने से पहले जो केजरीवाल शराब बंदी के बिल्कुल विरोध में थे और पंजाब में जाकर उन्होंने शराब बंदी को लेकर बड़ी-बड़ी बातें कही आखिर वे दिल्ली में अपने खुद के कही बातों पर अमल क्यों नहीं कर पा रहे हैं। आज हुए विरोध प्रदर्शन में मुख्य रुप से प्रदेश उपाध्यक्ष श्री अशोक गोयल देवराहा एवं श्री राजन तिवारी, जिला अध्यक्ष श्री राजेश गोयल सहित जिला, मंडल एवं बूथ के पदाधिकारी उपस्थित थे।