मरेठ। गणेश शंकर विद्यार्थी सुभारती पत्रकारिता एंव जनसंचार महाविद्यालय में एल्युमनी टॉक आयोजित किया गया। इस टॉक में महाविद्यालय के पूर्व विद्यार्थी तथा युवा फिल्म मेकर राजकमल मेहतो ने विद्यार्थियों से बातचीत की। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी छात्र छात्राओं ने अपने सीनियर का स्वागत किया। इस दौरान राजकमल मेहतो ने जूनियर के सम्मुख अपने विचार रखे।
इस टॉक के दौरान महाविधालय के प्राचार्य डॉ नीरज कर्ण सिंह ने विद्यार्थीयों को संबोधित करते हुए कहा कि महाविद्यालय में ऐसे एलुमनी टॉक होते रहने चाहिए, जिससे सीनियर के अनुभव जूनियर को मिलते रहे। जीवन में आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन अहम होता हैं ऐसे में किसी ऐसे सीनियर का मार्गदर्शन मिलना बहुत ही लाभकारी हो जाता हैं जो स्वंय उस क्षेत्र में कार्य कर रहा हो। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के टॉक से महाविद्यालय के विद्यार्थियों के बीच एक दूसरे के सहयोग की भावना भी उत्पन्न होती है। साथ ही एल्युमनी में यह भाव हमेशा प्रधान रहता हैं कि उसे अपने संस्थान के लिए कार्य करना है और छवि निर्माण में अपनी भूमिका अदा करनी है। उन्होंने कहा कि किसी भी शिक्षण संस्थान के पूर्व विद्यार्थी उसकी निधि साबित होते है।
एलुमनी टॉक के दौरान 2013-16 बैच के छात्र राजकमल मेहतो ने अपने विचार रखे। उन्होने अपने अनुभव जूनियर के साथ सांझा करते हुए कहा कि एक पत्रकार का जीवन बहुत उतार चढाव भरा होता है। सफलता के मार्ग को खोजना के लिए उसे अधिक मेहनत करनी पड़ती हैं क्योंकि आप ऐसे क्षेत्र से जुड़े हैं जिसका उद्देश्य सिर्फ पैसा कमाना नहीं होता बल्कि समाज और राष्ट्र के विकास में सहयोग देना भी होता है। यही तो हमारे विश्वविद्यालय ने हमें सिखाया है। उन्होने फिल्म से जुड़े कुछ बिंदुओ पर भी अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने पढ़ाई कर रहे पत्रकारिता के विद्यार्थियों की शुरुआत में की जाने वाली खामियों को बताते हुए उससे दूर करने के उपाय भी बताए। उन्होंने कहा कि अपने खूबियों को पहचान कर अपने भविष्य का मार्ग तय करें। मेहतो ने कहा कि सुभारती पत्रकारिता महाविद्यालय ने मिशन के तौर पर पत्रकारिता करने की समझ दी है इसके लिए मैं सदैव विश्वविद्यालय एवं अपने शिक्षकों का आभार प्रकट करता हूं।
इस दौरान प्राद्यापक मुद्दसर सुल्तान, यासिर अरफात, प्रीति सिंह सहित महाविद्यालय के बीजेएमसी तथा एमजेएमसी के छात्र-छात्राए मौजूद रहे।