अब दिल्ली में दिखेंगी विदेशों वाली सड़के

डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (डीडीसी) ने डब्ल्यूआरआई इंडिया के सहयोग से आज ‘दिल्ली की सड़कों को बदलना’ विषय पर एक उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। वर्चुअल वर्कशॉप का उद्देश्य सड़कों के डिजाइन और विकास में सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया को समझना था। शीर्ष वैश्विक शहरों के अनुभव से सड़कों में लाए गए बदलाव की प्रक्रिया को सीखना और दिल्ली की सड़कों पर उसको लागू करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इस दौरान कार्यशाला में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, लोक निर्माण मंत्री सत्येंद्र जैन बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। डीडीसी के उपाध्यक्ष जस्मीन शाह, डब्ल्यूआरआई इंडिया के सीईओ डॉ. ओपी अग्रवाल, डब्ल्यूआरआई इंडिया के अन्य शीर्ष अधिकारियों, पीडब्ल्यूडी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और इंजीनियरों ने भी कार्यशाला में भाग लिया।

इस वर्कशॉप में लंदन, न्यूयॉर्क, सियोल, सिंगापुर और बोगोटा शहरों के शहर-निर्माताओं और अंतर्राष्ट्रीय परिवहन विशेषज्ञों ने भाग लिया। जिसमें अपने शहरों की सड़कों में आए बदलाव के अनुभव साझा किए। कार्यशाला में बेंगलुरु और मुंबई से भी विशेषज्ञों ने भी भाग लिया। कार्यशाला के दौरान सत्र में सभी विशेषज्ञों और दिल्ली सरकार के प्रतिनिधियों ने एक दूसरे के अनुभवों को लेकर सीधी बातचीत की।

लोक निर्माण मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली में 540 किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कों को सर्वोत्तम वैश्विक कार्य प्रणाली के अनुसार नए सिरे से डिजाइन किया जाएगा। इसके लिए केजरीवाल सरकार प्रतिबद्ध है। जिसका उद्देश्य सड़कों को सुरक्षित, टिकाऊ, पैदल चलने वालों के अनुकूल बनाना है, विशेषकर से वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों के लिए सुलभ बनाना है। इस दौरान उन्होंने वैश्विक भागीदारी के महत्व पर जोर दिया और सड़कों के पुन: डिजाइन के लिए दिल्ली सरकार का सहयोग करने के लिए दुनिया भर के विशेषज्ञों से समर्थन मांगा।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार वर्तमान में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपने सामाजिक सुधारों के लिए पहचानी जाती है। अब बुनियादी ढांचे के सुधारों और सड़कों को नए सिरे से डिजाइन करने को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से कार्यशाला में साझा किए गए वैश्विक अनुभवों को सीखने और विचार-विमर्श के लिए दिमाग खुले रखने का अनुरोध किया। उन्होंने लोगों को उन प्रणालियों और प्रक्रियाओं को समझने   के लिए भी प्रोत्साहित किया, जिन्हें शीर्ष वैश्विक शहरों ने सड़कों में नए सिरे से बदलाव के लिए अपनाया है।

डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन के उपाध्यक्ष जस्मीन शाह ने कहा कि डीडीसी के लिए ऐसी अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन करना सौभाग्य की बात थी जो पहली बार दिल्ली में हो रही है। सभी वैश्विक शहरों ने केवल 15-20 साल पहले सड़कों मे नए बदलाव की प्रक्रिया शुरू की। यह अच्छी बात है कि कुछ सालों में ऐसा करने में कामयाब रहे हैं। सभी ने परिवर्तन के लिए राजनीतिक नेतृत्व को सबसे महत्वपूर्ण बताया। सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में विश्व स्तरीय सड़कें बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

सियोल के विशेषज्ञ और डीएमआरओसी के सीईओ गेंगचुल किम ने कहा कि सियोल परिवहन नीति और कानून में सार्वजनिक परिवहन और पैदल यात्रियों की गतिशीलता को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखता है। फ्लाईओवर और फुटब्रिज कई लोगों के लिए असमान और दुर्गम थे। इसलिए सियोल ने पैडेस्ट्रीयन स्क्वेयर, पैदल क्रॉसवॉक और बसों के लिए समर्पित लेन बनायी हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के क्रांतिकारी डिजाइन और इसे लागू करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति और नेतृत्व महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि परिवहन नीति के दर्शन में सामाजिक समानता मानव हितैषी सड़कों को विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

भूमि परिवहन प्राधिकरण, सिंगापुर के निदेशक और सिंगापुर के विशेषज्ञ ओंग यू-जीन ने सिंगापुर में सड़क परियोजना का विवरण साझा किया। उन्होंने कहा कि सिंगापुर ने कार-लाइट राष्ट्र बनने का फैसला किया, यानी एक ऐसा राष्ट्र जो कारों पर कम और सार्वजनिक, साझा और सक्रिय परिवहन पर अधिक निर्भर करता है। ओंग यू-जीन ने कहा कि सड़कों को नया स्वरूप देना केवल बुनियादी ढांचे का निर्माण या तकनीक का उपयोग करने के बारे में नहीं है। यह स्थानों, लोगों और संभावनाओं को जोड़ने के बारे में है। उन्होंने अपनी प्रमुख ढांचागत पहलों अधिक एकीकृत परिवहन हब, सक्रिय गतिशीलता नेटवर्क, सामुदायिक स्थान, पैदल यात्री सड़कें, ट्रांजिट प्राथमिकता कॉरिडोर और सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की रीढ़ के रूप में रेलवे का उपयोग करना आदि के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने किसी भी सड़क डिजाइन परियोजना के कार्यान्वयन से पहले प्रभावित होने वाले हितधारकों के साथ जुड़ने के महत्व पर जोर दिया।

न्यूयॉर्क शहर परिवहन विभाग में पूर्व नीति उपायुक्त और न्यूयॉर्क के विशेषज्ञ माइकल रेप्लोगल ने सड़कों को फिर से डिजाइन करने, प्रगति रिकॉर्ड करने और वार्षिक प्राथमिकताओं को संशोधित करने में डेटा संचालित प्रक्रियाओं को एकीकृत करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने न्यूयॉर्क में अपनाए गए स्पीड कैमरा प्रोग्राम से जुड़ी जानकारियों को साझा किया। जहां अधिकांश वाहनों ने एक ट्रैफिक उल्लंघन किया लेकिन एक वर्ष के भीतर दूसरा ट्रैफिक उल्लंघन नहीं किया। कोविड 19 महामारी के प्रकोप ने खुली सड़कों, खुले रेस्तरां, बाहरी सीखने की सड़कों और बाइक नेटवर्क के विस्तार के साथ सड़क के माहौल को बदल दिया।

सिटी प्लानिंग निदेशक और लंदन के विशेषज्ञ एलेक्स विलियम्स ने स्ट्रीट्स फॉर ऑल के लंदन विजन को साझा किया। उन्होंने कहा किलंदन ने साइकिल और बसों के इस्तेमाल को बढ़ाने पर फोकस किया है। लंदन सिटी प्लानिंग ने बसों को 24 घंटे संचालन के साथ अधिक विश्वसनीय और सुसंगत बना दिया है, जिससे यातायात की भीड़ कम हो गई है और साइकिल चालकों और पैदल चलने वालों के लिए सड़कों को सुरक्षित बना दिया गया है। लंदन ने कोविड -19 के चलते में छोटे और दीर्घकालिक भविष्य के लिए 5 शहरों की योजना को विकसित किया है।

बोगोटा के वरिष्ठ परिवहन सलाहकार और  विशेषज्ञ डारियो हिडाल्गो  ने 1998 में अपनाई गई स्थायी गतिशीलता ‘ए-एस-आई’ दृष्टिकोण की विस्तृत जानकारी दी। यानइ की मोटर चालित यात्रा से बचें, परिवहन के पर्यावरण के अनुकूल साधनों में बदलाव करें और परिवहन मोड और वाहन तकनीक की ऊर्जा दक्षता में सुधार करें। विशेषज्ञ ने सुझाव दिया कि चूंकि बोगोटा और दिल्ली में समान जनसंख्या घनत्व है, इसलिए उनकी योजना दिल्ली सरकार को अपनी योजना को विकसित करने में मदद कर सकती है। बोगोटा कम आय वाली आबादी और लोगों पर ध्यान केंद्रित करता है और इन समुदायों को पैदल चलने, साइकिल चलाने और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देता है। इसमें लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। डारियो हिडाल्गो ने कहा कि जहां एक कार लेन में एक घंटे में केवल 2000 लोग चलते हैं, वहीं एक साइकिल लेन में 6000 से अधिक लोग चलते हैं। लोगों को एक जगह से दूसरी जगह भेजने की योजना चलती कार नहीं है।

इस वर्कशॉप के दौरान जन अर्बन स्पेस ने बीबीएमपी के सहयोग से बेंगलुरु में 50 किमी सड़कों को फिर से डिजाइन करने के लिए वर्तमान में लागू की जा रही योजना ‌के बारे में जानकारी दी। मुंबई के अधिकारियों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। सड़क पुनर्विकास डिजाइन को लागू करने के लिए मुंबई स्ट्रीट लैब की स्थापना को लेकर अनुभवों को साझा किया।

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पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाली निकिता सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखती हैं पिछले कुछ सालों से परिवार के साथ रांची में रह रहीं हैं और अब देश की राजधानी दिल्ली में अपनी सेवा दे रहीं हैं। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग अकादमी से पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद निकिता ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के न्यूज़ पोर्टल्स में काम किया। उन्होंने अपने कैरियर में रिपोर्टिंग से लेकर एंकरिंग के साथ-साथ वॉइस ओवर में भी तजुर्बा हासिल किया। वर्त्तमान में नमामि भारत वेब चैनल में कार्यरत हैं। बदलती देश कि राजनीती, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में निकिता की विशेष रुचि रही है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही आम जन मानस को प्रभावित करने वाली खबरों पर पैनी नज़र रखती आ रही हैं। बेबाकी से लिखने के साथ-साथ खाने पीने का अच्छा शौक है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में योगदान जारी है।
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