ज़ेबा ख़ान/ अमरनाथ हिन्दुओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है।इस साल इस यात्रा को शुरू होने कुछ दिन ही बचे है।ये यात्रा इस साल 28 जून से शुरू होकर 26 अगस्त रक्षाबंधन के दिन खत्म होगी।अमरनाथ यात्रा का आयोजन करना सबसे अधिक सुरक्षा वाला काम होता है। इन दिनो कश्मीर घाटी में सीजफायर के दौरान आतंकियों के बढ़े हौसलों को देखते हुए सरकार ने अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। ब्लैक कैट कमांडो अब अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे।ब्लैक कैट कमांडो श्रद्धालुओं के लिए महाकवच और आतंकियों का महाकाल साबित हो सकता है।
अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए गृहमंत्रालय ने 24 एनएसजी के कमांडो की तैनाती का फैसला किया है। एेसा पहली बार है कि अमरनाथ यात्रा की जिम्मेदारी एनएसजी को दी गई है।
खबरों के अनुसार यात्रा के दौरान आतंकी हमले में सुरक्षा बलों और नागरिकों को बंधक बना सकते हैं। NSG की क्रेक टीम दूर से मार करने वाले स्नाइपर के अलावा वाल पेनिट्रेशन राडार और ग्लोक पिस्टल से लैस होगे। एनएसजी का गठन 16 अक्टूबर 1984 में किया गया ताकि देश में होने वाली आतंकी गतिविधियों से निपटा जा सके।
आतंकी हमले को मद्देनजर रखते हुए इस साल अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स यानी CAPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस के 24 हजार जवानों को लगाया जाएगा। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस बार यात्रा में CAPF की 213 कंपनियों को लगाया जाएगा। अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा में पहले ही सुक्षाबलों की कंपनियां और जम्मू कश्मीर पुलिस का बड़ा दस्ता तैनात है। यात्रा के दौरान बौखलाए आतंकी अपनी मौजूदगी दिखाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं। आतंकियों के ऐसे मंसूबों की भनक खुफिया एजेंसियों को बखूबी हो गई है। इसी वजह से इस बार ब्लैक कैट कमांडोज को अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा का ज़िम्मेदारी सौंपी गई है । जिससे आतंकियों के मनसूबो को नाकाम किया जा सके।