नई दिल्ली: दैनिक भास्कर अखबार के कोर्ट से कोबरापोस्ट के स्टिंग आॅपरेशन के खिलाफ स्टे आर्डर लाने के बाद कोबरापोस्ट ने आॅपरेशन 136 पार्ट-1 की तरह प्रेस क्लब आॅफ इंडिया में प्रेस काॅफ्रेंस तो नही किया लेकिन दैनिक भास्कर ग्रुप के मीडिया संस्थानों के अलावा कई बडे घरानों के स्टिंग आॅपरेशन को सोशल मीडिया और वेबसाईट के जरिए लोगों तक पहुँचा दिया। गौरतलब हो कि कोबरापोस्ट ने भारतीय मीडिया संस्थानों पर एक बड़ी तहकीकात को अंजाम दिया है। जो दो भागों में था।ऑपरेशन 136: पार्ट-1 26 मार्च 2018 को जारी किया गया था। जिसमें 17 मीडिया संस्थानों और उनमें चल रही गड़बड़ी का खुलासा किया गया, जिसमें इन मीडिया संस्थानों को paid news चलाने, सांप्रदायिक एजेंडा चलाने, बड़े पैमाने पर ध्रुवीकरण करने और अवैध काले धन को स्वीकार करने की कोशिश करते देखा गया था।
ऑपरेशन 136: पार्ट-2 असल में भारतीय मीडिया के सबसे “मीडिया के बड़े घराने” भी पैसे के बदले ऐसे अभियान को करने के लिए सहमत हो जाते हैं जिसकी वजह से न केवल देश के नागरिकों के बीच सांप्रदायिक तनाव हो सकता है बल्कि ऐसा करने से किसी खास राजनीतिक पार्टी के खिलाफ झुकाव भी हो सकता है। यही नहीं इस तरह की कोशिश किसी खास पार्टी के पक्ष में चुनावी परिणाम का रूख भी पलट सकती है।
इस काम को करने के लिए कोबरापोस्ट रिपोर्टर ने इन्हें मोटी रकम देने की बात कही, अंजाम ये रहा कि लालच में आकर इन सभी मीडिया घरानों ने गर्मजोशी से इसका स्वागत किया और एजेंडे को हाथों-हाथ लिया। जो बड़े मीडिया संस्थान इस अभियान तो चलाने के लिए तत्पर दिखें उनमें टाइम्स ऑफ इंडिया, इंडिया टुडे, हिंदुस्तान टाइम्स, ज़ी न्यूज़, स्टार इंडिया, एबीपी न्यूज़, दैनिक जागरण, रेडियो वन, रेड FM, लोकमत, एबीएन आंध्र ज्योति, टीवी-5, दिनामलार, बिग FM, के न्यूज़, इंडिया वॉयस, द न्यू इंडियन एक्सप्रेस, Paytm, भारत समाचार, स्वराज एक्सप्रेस, बर्तमान, दैनिक संवाद, एमवीटीवी और ओपन मैग्जीन शामिल हैं।