नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि 2017 में एमसीडी चुनाव के घोषणा पत्र में कोई भी नया टैक्स नहीं लगाने का वादा करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने तीनों एमसीडी में 11 प्रकार के टैक्स में वृद्धि कर कोरोना महामारी से जूझ रहे दिल्लीवासियों के साथ धोखा किया है। बीजेपी शासित तीनों ही एमसीडी ने संपत्ति व व्यावासायिक, रिहायशी आवास, ट्रेड लाइसेंस, फैक्ट्री लाइसेंस, हेल्थ लाइसेंस समेत 11 प्रकार के टैक्स में बढ़ोतरी करने की घोषणा की है। दुर्गेश पाठक ने कहा कि एक तरफ दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पिछले 6 वर्षों में बिना टैक्स बढ़ाए अपने बजट को दोगुना कर दिया और दूसरी तरफ भाजपा शासित एमसीडी ने मनमाना टैक्स वृद्धि कर दिल्लीवालों की कमर तोड़ रही है। ऐसा लगता है कि भाजपा को एमसीडी की सत्ता से बाहर जाने की जानकारी हो चुकी है, इसीलिए भाजपा एमसीडी को लूट कर और बेच कर पूरी तरह से बर्बाद करने पर आमादा है। आम आदमी पार्टी टैक्स वृद्धि का विरोध करती है। पार्टी दिल्ली की जनता के बीच जाकर उन्हें जागरूक करेगी और एक जन आंदोलन खड़ा करेगी।
पार्टी मुख्यालय में हुई एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता दुर्गेश पाठक ने कहा कि यदि किसी राज्य की कार्य संचालन की गुणवत्ता की जांच करनी है, तो उसका आधार होता है उस राज्य की टैक्स प्रणाली। उस राज्य में किस स्तर पर टैक्स वसूला जा रहा है, क्या टैक्स की राशि बढ़ाई जा रही है या घटाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 6 साल से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है और 6 साल के कार्यकाल में हमने एक भी टैक्स में बढ़ोतरी नहीं की है, बल्कि कई प्रकार के टैक्स में कटौती की है और कटौती करने के बावजूद भी हमने दिल्ली का बजट दोगुना करके दिखाया। वहीं दूसरी ओर पिछले 3 दिन में भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा जारी किए गए बजट का हवाला देते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा शासित नगर निगम ने दिल्ली की जनता पर नए-नए प्रकार के टैक्स की बरसात कर दी है।
भाजपा शासित नगर निगम द्वारा दिल्ली की जनता पर थोपे गए नए टैक्स की सूची मीडिया के साथ साझा करते हुए दुर्गेश पाठक ने कहा कि अब दिल्ली में रहने वाले हर पेशेवर व्यक्ति को प्रोफेशनल टैक्स देना होगा, अब दिल्ली की जनता को सुधार टैक्स देना होगा, संपत्ति खरीदने या बेचने पर अतिरिक्त प्रॉपर्टी ट्रांसफर कर देना होगा, नया व्यापार शुरू करने के लिए निगम से जो लाइसेंस लेना होता था, अब उसके लिए दोगुनी फीस देनी होगी, व्यापारियों को ट्रेड लाइसेंस के लिए अतिरिक्त टैक्स देना होगा, अब दिल्ली की जनता को हेल्थ लाइसेंस के लिए भी अतिरिक्त टैक्स देना होगा, कमर्शियल हाउस टैक्स पहले के मुकाबले कई गुना अधिक टैक्स देना होगा, रेजिडेंशियल हाउस टैक्स पहले के मुकाबले कई गुना अधिक देना होगा, कूड़ा उठाना जो नगर निगम का मुख्य कार्य है, उसके लिए भी अब दिल्ली की जनता को अतिरिक्त टैक्स देना होगा, जो खाली जमीन पड़ी है, उसके लिए भी अब जमीन के मालिकों को अतिरिक्त टैक्स देना पड़ेगा। यही नहीं, भाजपा शासित नगर निगम ने एजुकेशन टैक्स को भी बढ़ा दिया है।
उन्होंने कहा यदि भाजपा शासित नगर निगम द्वारा जारी किए गए इन नए टैक्स का शोध किया जाए, तो लगभग 11 प्रकार के नए टैक्स भाजपा शासित नगर निगम ने दिल्ली की जनता पर थोप दिए हैं। जहां कोरोना महामारी के इस काल में पहले ही लोगों की कमाई आधी से भी कम हो चुकी है, वहां जनता को आर्थिक सहायता देने की बजाय, भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली की जनता के ऊपर नए-नए प्रकार के टैक्स का बोझ डालकर उनकी कमर तोड़ने का काम किया है।