दिवाकर श्रीवास्तव जनपद शामली में कल यानी पांच फरवरी को होने वाली महापंचायत को लेकर आयोजक और प्रशासन आमने-सामने आ गए हैं। एसडीएम शामली ने कई कारणों का हवाला देते हुए आयोजक द्वारा महापंचायत करने की माँगी गयी अनुमति निरस्त कर दी है।
अब आयोजक बिना अनुमति ही पंचायत करने की बात कह रहे हैं। हाल ही में जनपद मुजफ्फरनगर और जनपद बागपत में हुई महापंचायत में हजारों की तादात में लोग शामिल हुए थे तो उम्मीद है यह जताई जा रही है कि अगर शामली में महापंचायत किसानों द्वारा की जाती है तो हजारों की तादात में यहां पर भी लोग इकट्ठा होने की उम्मीद जताई जा रही है लेकिन प्रशासन द्वारा महापंचायत की अनुमति नहीं दी गई है। लिहाजा शामली में टकराव की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।
आपको बता दें कि पूरा मामला जनपद शामली का है जहां पर कल यानी 5 तारीख को गढ़ी पुख़्ता थाना क्षेत्र के गांव भैंसवाल में एक महापंचायत रखी गई है। जिसकी अनुमति के लिए आरएलडी के जिलाध्यक्ष योगेंद्र चेयरमैन द्वारा आवेदन किया गया था लेकिन उनके महापंचायत की अनुमति को शामली प्रशासन द्वारा विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए निरस्त कर दिया गया है।
इसमें राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी को बतौर मुख्य अतिथि बुलावा भेजा गया है। आयोजक रालोद जिलाध्यक्ष योगेंद्र चेयरमैन का कहना है कि प्रशासन अनुमति दे या न दे पंचायत हर हाल में की जाएगी। आरएलडी के जिलाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि प्रशासन सत्ताधारी दल के इशारे पर अनुमति नहीं दे रहा है। हमारे कार्यकर्ता दिन रात तैयारियों में लगे हुए हैं।
एसडीएम शामली संदीप कुमार का कहना है कि महापंचायत की अनुमति के लिए जांच रिपोर्ट में हजारों की संख्या में भीड़ एकत्र होने के कारण टकराव, उग्र प्रदर्शन और पथराव की आशंका व्यक्त करते हुए अनुमति को निरस्त किया गया हैं। जिला मजिस्ट्रेट जसजीत कौर ने त्योहारों का हवाला देते हुए जिले में धारा-144 लागू कर दी है, जो तीन अप्रैल तक रहेगी। इन हालात में पंचायत की अनुमति नहीं दी जा सकती है।