लखनऊ ।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की परम्परा में वर्ष में दो बार शक्ति की अधिष्ठात्री देवी मां भगवती दुर्गा के अनुष्ठान आयोजित होते हैं। यह मातृशक्ति के प्रति प्रत्येक भारतीय के मन में विश्वास और सम्मान का प्रतीक है। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2020 में महिला सम्बन्धी अपराधों को नियंत्रित करने की दृष्टि से ‘मिशन शक्ति’ अभियान प्रारम्भ किया था। इसकी थीम सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन है। इन तीन आयामों को लेकर यह अभियान चलाया गया। आज के कार्यक्रम का उद्देश्य कल से प्रारम्भ होने वाले ‘मिशन शक्ति’ अभियान के चतुर्थ संस्करण के प्रति जागरूकता का प्रसार करना है।
मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पर ‘मिशन शक्ति’ अभियान के चतुर्थ चरण के अन्तर्गत महिला सशक्तिकरण रैली का शुभारम्भ करने से पूर्व, अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण रैली को झण्डी दिखाकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मिशन शक्ति’ अभियान पूरे प्रदेश में लोकप्रिय हुआ है। महिला सम्बन्धी अपराधों को नियंत्रित करने और अपराधियों को दण्डित करने में प्रदेश, देश के अग्रणी राज्यों में है। प्रदेश के मिशन शक्ति अभियान की सफलता का परिणाम है कि आज भारत सरकार ने भी महिला सुरक्षा के लिए चलने वाले अभियान का नाम मिशन शक्ति रखा है। यह इस बात को दर्शाता है कि यदि हम कोई भी ऐसा इनीशिएटिव लेंगे जो समाज के सम्मान और स्वावलंबन से जुड़कर व्यापक जागरूकता का कारण बनेगा, तो उसको राष्ट्रव्यापी बनने में देर नहीं लगती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाभार्थियों को समय पर सही जानकारी प्रदान की जानी चाहिए। आज इसीलिए प्रदेश के सभी 75 जनपदों में एक साथ महिला सुरक्षा के लिए यह जागरूकता रैली निकाली जा रही है। इसके उपरांत प्रत्येक जनपद में कार्यक्रम होंगे। स्कूल और विद्यालयों में प्रभात फेरियां निकाली जा रही हैं। इन जनपदों में महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन से जुड़े हुए क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह कार्यक्रम कल से प्रत्येक स्तर पर प्रारम्भ होंगे। जनपद स्तर पर प्रत्येक गांव और नगर निकाय के वॉर्डों में, केंद्र और राज्य सरकार की नारी गरिमा, सुरक्षा और सम्मान से जुड़ी विभिन्न योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। लोगों को महिला सुरक्षा से सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों से भी अवगत कराया जाएगा। दूसरी तरफ प्रत्येक थाना क्षेत्र में इनफोर्समेन्ट का भी कार्य होगा। यदि कोई अपराधी महिला सुरक्षा में सेंध लगाने का दुस्साहस करेगा तो उससे सख्ती से निपटने के आदेश दिए गए हैं। जो लोग इस प्रकार के अपराध करने के अभ्यस्त हैं, उनके साथ सख्ती से निपटने की कार्रवाई प्रदेश भर में की जाएगी। प्रत्येक थाना क्षेत्र में महिलाओं के विरुद्ध हुए अपराधों के प्रति हुई कार्यवाही से सम्बन्धित सारे रिकॉर्ड समय पर प्राप्त किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। यह सभी अभियान प्रभावी रूप से आगे बढ़ सकें, इस दृष्टि से यह रैली अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि घरेलू हिंसा से पीड़ित महिला की मदद में ‘181’ हेल्प लाइन नम्बर किस प्रकार सहायक हो सकता है, ‘वन स्टॉप सेन्टर’ की क्या भूमिका हो सकती है, ‘1090’ हेल्प लाइन नम्बर किस रूप में सहायक हो सकता है तथा इमरजेंसी कॉल के नंबरों का प्रयोग किस रूप में किया जाय, इन सब के बारे में जागरूकता प्रसार के कार्यक्रम वर्ष भर निरंतर चलते रहेंगे। प्रदेश में इस दिशा में पहले से किए गए प्रयासों के अच्छे परिणाम आए हैं। अब इन प्रयासों को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने का कार्यक्रम ‘मिशन शक्ति’ अभियान के चतुर्थ संस्करण में दिखना चाहिए। प्रदेश में अलग-अलग स्तर पर भी जागरूकता से सम्बन्धित कार्यक्रम चलेंगे। स्वयं सहायता समूह भी विभिन्न जनपदों में ग्राम पंचायत स्तर पर इस प्रकार के कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बी0सी0 सखियों की उत्कृष्ट भूमिका रही है। जिन महिलाओं के बारे में लोग कहते थे कि बहुत पढ़ी-लिखी न होने के कारण वह क्या काम कर पाएंगीं, आज वही महिलाएं बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट सखी बनकर गांवों में बैंकों की कमी को पूरा कर रही हैं। इसके दृष्टिगत गांवों में हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट उत्तीर्ण महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इन्हें राज्य सरकार ने 06 माह तक मानदेय उपलब्ध कराया। आज वह बैंक से लेनदेन कर कमीशन प्राप्त करती हैं। इनमें सबसे कम कमाने वाली महिलाओं की आय 25 हजार रुपए प्रतिमाह और सर्वाधिक कमाने वाली महिलाओं की आय सवा लाख से डेढ़ लाख रुपए प्रतिमाह तक है। यह चीजें दिखाती हैं कि प्रयासों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा जनपद झांसी में वर्ष 2019 में केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर ‘बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी’ की स्थापना की थी। इसका टर्नओवर डेढ़ सौ करोड़ रुपये प्रतिवर्ष व 15 से 16 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष शुद्ध लाभ होता है। इसमें 40 हजार से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई हैं। कार्य करने की इच्छा शक्ति और सरकार का समर्थन होना आवश्यक है। प्रशासन सकारात्मक भाव से महिलाओं के साथ खड़ा हो जाए तो वह कुछ भी कर सकती हैं। प्रदेश की आधी आबादी के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।