पीपीगंज। आज दिनाँक 10-06-19 दिन सोमवार को महायोगी गोरखनाथ कृषि विज्ञान केंद्र, चौकमाफी द्वारा ” अधिक आमदनी हेतु ग्रीष्मकालीन दलहनी फसलों में शस्य क्रियायों द्वारा कीट एवं रोग प्रबंधन” विषय पर एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. आर पी. सिंह ने गर्मी की गहरी जुताई के प्रति जागरूक करते हुए बताया कि इससे मिट्टी में उपस्थित विभिन्न कीटों की सुंडियों को नष्ट किया जा सकता है। उन्होंने ने जनपद में धान, अरहर, मूंगफली, परवल में लगने वाले किट सफेद गिडार के नियंत्रण हेतु जैविक तथा रासायनिक उपायों को विस्तार से बताया । डॉ सिंह ने कहा कि अन्तःफसली पद्धति तथा फसल चक्र को अपनाकर भी किसान भाई फसलों को किट तथा बीमारियों के प्रकोप को कम कर सकते है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए केंद्र के प्रसार वैज्ञानिक डॉ. राहुल कुमार सिंह ने बीज तथा भूमि शोधन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे फसलों में लगने वाले उकठा रोग तथा अन्य बीमारियों के रोग कारक तथा किट नष्ट हो जाते हैं तथा किसान को अच्छी पैदावार मिलती है।
कार्यक्रम में उपस्थित शस्य वैज्ञानिक अवनीश सिंह ने केंद्र द्वारा प्रदर्शन के तौर पर दी जाने वाली अरहर की प्रजाति नरेंद्र अरहर-2 के बीज दर, सिंचाई, खरपतवार नियंत्रण पर बात रखी। केंद्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉ विवेक प्रताप सिंह ने पशुवों में लगने वाले रोग खुरपका मुंहपका, सर्रा तथा थनैला के प्रति किसानों को जागरूक किया। मृदा वैज्ञानिक संदीप उपाध्याय ने किसानों को दलहनी फसल में उर्वरक प्रबंधन पर विस्तार से बताया। इस अवसर पर ठकुरापार गांव के अजय चौकमाफी के लाला प्रसाद यादव सहित अन्य 23 किसान उपस्थित रहे।