नई दिल्ली – 20 नवंबर 2018 , जिज्ञासा, हर इंसान के अंदर होती है पर अगर हम बात करे अख़बार और टीवी न्यूज़ चैनेल्स और अब नई मीडिया भी काफी आगे है तब हमारे दिमाग में सिर्फ पत्रकारिता आती है और पत्रकार ! जो लोगो की जिज्ञासा को समझता है और सही और गलत के लिए आवाज भी उठाते है! हाल ही मे हमें हमारे एक पत्रकार शहीद हुए! असल मायने में पत्रकार एक हीरो और एक रोले मॉडल भी है पर इसके साथ – साथ वो एक बेटा/बेटी , भाई/बहन , पति/ पत्नी , माँ/पिता इत्यादि भी है पर शायद हम भूल जाते है और सवार्थी भी हो जाते है और एक पत्रकार को बायस्ड का टैग भी दे जाता है। एक पत्रकार अपनी जान को जोखिम में डाल कर क्या- क्या करता है अगर सोचे तो रुह काँप उठती है। सही का साथ देते हुए क्या- क्या खोते है और कैसे – कैसे खतरों से खेलते है कभी इसका अंदाज़ा ही नहीं लगा सकते। एक पत्रकार के अनेको रूप को दर्शाने के लिए “White Camel production & MIFA Productions”पिंक विला नाम की एक फिल्म बनाई है।
मूवी की कहानी ह्यूमन ट्रैफिकिंग पे आधारित है कहानी एक 30 साल के पत्रकार की है जिसका नाम सत्यकाम है और जो की एक चर्चित समाचारपत्र में पत्रकार है और एक ईमानदार पत्रकार की तरह लोगों की मदद करना और पुलिस स्टेशन जाना और लोगो के लिए आवाज़ उठाना सत्यकाम का रोज का काम है। सत्यकाम की एक बहुत ही खूबसूरत दुनिया थी जिसमे उसकी पत्नी (रेखा) और 5 साल की खुबसूरत बेटी (दीप्ति) होती है। रघुवेन्द्र जो इस कहानी में विलेन का किरदार निभा रहे है और साथ ही बहुत पॉवरफुल एम् .अल ए भी हैं। लड़किओ की सप्लाई और उन्हें वेश्या वृति में लाना रघुवेन्द्र का बिज़नेस है।
सचाई की लड़ाई लड़ते- लड़ते सत्यकाम अपनी खूबसूरत दुनिया खो देता है और इसी के साथ फैसला लेता है की अब वो अपनी पूरी ज़िन्दगी अपने बेटे के साथ रहेगा और पत्रकारिता से दूर चला जाएगा। 20 साल बाद एक बार फिर, सत्यकाम और रघुवेन्द्र आमने – सामने होते है और आज भी सत्यकाम के पास 20 साल पुराने सारे सबुत हैं।
कहानी वास्तविकता को दर्शा रही है इसकी शूटिंग दिल्ली/एनसीआर इत्यादि में होगी और 2019 में होली के आस पास रिलीज़ होगी।