मंगलवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सुल्तानपुर जिले के करवल खीरी में 341 किलोमीटर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया जाने वाला हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ प्रधानमंत्री मोदी आज उद्घाटन के लिए सी-130 हरक्यूलिस विमान में हवाई पट्टी पर उतरेंगे। यह परियोजना की आधारशिला प्रधानमंत्री ने जुलाई 2018 में रखी थी। जिसके 3 साल बाद इसे आज लॉन्च किया जायेगा।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के बारे में वो सभी ज़रूरी बातें जो आपको जान नी ज़रूरी हैं।
- योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा पूरी की गई सबसे बड़ी परियोजनाओं में से यह एक है। इसकी लागत 22,496 करोड़ रुपये है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल क्षेत्र में “विकास के वाहक” के रूप में बोला जा रहा हैं।
- एक्सप्रेसवे लखनऊ-सुल्तानपुर रोड पर स्थित लखनऊ जिले के चंदसराय गांव से शुरू होता है। और गाजीपुर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर हैदरिया गांव में समाप्त होता है। यह वर्तमान में छह लेन चौड़ा राजमार्ग है। और भविष्य में इसे आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है।
- यह लगभग बिहार सीमा तक एनसीआर और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच एक सीधा संपर्क स्थापित करता है।
- यमुना एक्सप्रेसवे नोएडा को आगरा से जोड़ता है। जबकि लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे राज्य की राजधानी तक जाता है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे यूपी-बिहार सीमा से करीब 18 किमी दूर होगा।
- लगभग 22,500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बना, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों, विशेष रूप से लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़ जिलों के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाला है।
- लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जिलों को कवर करने वाले राजमार्ग पर 18 फ्लाईओवर, सात रेलवे ओवर ब्रिज, सात लंबे पुल, 104 छोटे पुल, 13 इंटरचेंज और 271 अंडरपास हैं।
- सरकार ने एक्सप्रेसवे के साथ भूमि बैंक विकसित किए हैं। और उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को राजमार्ग के साथ औद्योगिक हब विकसित करने के लिए अधिकृत किया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे राज्य के पूर्वी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ साबित होगा।