नई दिल्ली/ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने आज सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक खण्ड पीठ द्वारा दिल्ली के मुद्दे पर दिए गए फैसले के बाद कहा कि क्योंकि अब सर्वोच्च न्यायालय ने सब कुछ साफ कर दिया है तो अब दिल्ली का विकास करने के लिए कोई बहाना नहीं बनाना चाहिए। माकन ने कहा कि केजरीवाल सरकार तथा दिल्ली के उपराज्यपाल ने दिल्ली की जनता को फुटबॉल बनाया हुआ है और उनकों यह बन्द करना चाहिए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को अब काम न करने के बहाने बन्द करने चाहिए और दिल्ली की जनता ने उनकों जो पूर्ण बहुमत दिया था उसको मद्दे नजर रखते हुऐ उनकों दिल्ली का विकास करना चाहिए।
माकन ने कहा कि केजरीवाल की चुनी हुई सरकार को धरना प्रदर्शन करने की बजाए दिल्ली का विकास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि केजरीवाल दिल्ली की जनता का विकास नहीं कर सकते तो उन्हें त्याग पत्र दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि केजरीवाल ओर ज्यादा शक्तियां मांगने में लगे रहेंगे और उनके पास जो शक्तियां संविधान ने दी है यदि उनकों लेकर विकास नहीं करेंगे तो दिल्ली को कुछ हासिल नहीं होने वाला है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माकन ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने दिल्ली से भाजपा के सात सांसदों को चुनकर भेजा तथा आम आदमी पार्टी को ऐतिहासिक बहुमत देकर 70 में 67 विधायक चुनकर दिल्ली विधान सभा में भेजे थे, अब हम दोनों सरकारों से यह उम्मीद करते है कि दोनों सरकारें एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीती छोड़कर दिल्ली का विकास करना चाहिए क्योंकि पहले ही दोनों पार्टियों ने अपनी आपस की लड़ाई में दिल्ली के विकास को बर्बाद कर दिया है।
माकन ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक खण्ड पीठ के फैसले के बाद अब दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और दिल्ली के उपराज्यपाल एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने बन्द कर देने चाहिए। श्री माकन ने कहा कि दिल्ली में बड़ी ही अजीब स्थिति बनी हुई थी जिसमें उपराज्यपाल यह दावा कर रहे थे कि उन्होंने आप पार्टी की दिल्ली सरकार के कार्य में कोई प्रतिरोध पैदा नहीं किया है जबकि केजरीवाल कह रहे थे कि उपराज्यपाल ने दिल्ली में विकास करने में रोड़ा अटकाया हुआ है। श्री माकन ने कहा कि एक तरफ तो उपराज्यपाल है जो कहते है कि उन्होंने मोहल्ला क्लीनिक, आंगन वाडी बर्करों की तनख्वाह आदि की फाईलें उन्होंने क्लीयर कर दी है और सी.सी.टी.वी. कैमरा लगाने की फाईलें उनकें पास नहीं भेजी गई है।
माकन ने कहा कि उपराज्यपाल कहते है कि उनकें पास कोई फाईल नहीं है जबकि केजरीवाल कहते है कि उन्होंने जो फाईलें उपराज्यपाल के पास भेजी थी वें क्लीयर नहीं हुई है।
माकन ने कहा कि अब हम केजरीवाल सरकार से यह उम्मीद करते है कि केजरीवाल उसी जन लोकपाल को दिल्ली मे लेकर आयेंगे जो जन लोकपाल उन्होंने दिल्ली विधान सभा में अपने पहले कार्यकाल में रखा था, हमें कमजोर लोकपाल नहीं चाहिए। श्री माकन ने कहा कि अब हम केजरीवाल से यह उम्मीद करते है कि उन्होंने दिल्ली में जो फ्री वाई-फाई लगाने का वायदा किया था उसको पूरा करेंगे, डी.टी.सी. के बैड़े में उनके साढ़े तीन वर्षों के कार्यकाल में जो बसों की संख्या 4500 से कम होकर 3500 हो गई है उनकों बढ़ाया जाएगा। श्री माकन ने कहा कि हम केजरीवाल से यह भी उम्मीद करते है कि देश में औसतन 10वीं कक्षा में जो 86 प्रतिशत बच्चे पास हुए है उसके बराबर ही दिल्ली में 10वीं कक्षा के विद्यार्थी पास होंगे जबकि दिल्ली में 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों का पास प्रतिशत 69 रह गया है।
माकन ने कहा कि अब सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के पश्चात दिल्ली में विकास अपनी पीठ थपथपाने और कागजों में न होकर धरातल पर सही मायनों में होगा। श्री माकन ने कहा कि हम उम्मीद करते है केजरीवाल के कार्यकाल में जो 113 डिस्पैंसरिया बन्द हो गई थी वें दोबारा शुरू होंगी। श्री माकन ने कहा कि हम उम्मीद करते है कि चुनाव से पहले केजरीवाल ने भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए जिस मजबूत जन लोकपाल के सपने दिखाये थे वह बनाया जाऐगा और इसी प्रकार भाजपा की केन्द्र सरकार ने भी लोकपाल लाने की बात कही थी। दिल्ली के लोग केजरीवाल के जन लोकपाल और प्रधानमंत्री मोदी के लोकपाल को ढ़ूंढ़ रहे हैं।