प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को पोप फ्रांसिस से मुलाकात करने के लिए वेटिकन सिटी पहुंचे, जो कैथोलिक चर्च के प्रमुख के साथ आमने-सामने उनकी पहली बैठक है. वेटिकन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मोदी के साथ थे।
प्रधानमंत्री मोदी और कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप फ्रांसिस के बीच आमने-सामने यह पहली बैठक है. मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने फ्रांसिस ने 2013 में पोप बनने के बाद मुलाकात की है.प्रधानमंत्री वेटिकन सिटी स्टेट के स्टेट सेक्रेटरी कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन से भी मुलाकात करेंगे.ऐतिहासिक बैठक से पहले विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने शुक्रवार को कहा था कि प्रधानमंत्री की पोप के साथ अलग से बैठक होगी।
रोम में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा, ‘वह पोप से व्यक्तिगत मुलाकात करेंगे.’श्रृंगला ने कहा था, ‘कल, प्रधानमंत्री परम पूजनीय पोप फ्रांसिस से वेटिकन सिटी में भेंट करेंगे, और उसके बाद वह जी 20 सत्रों में भाग लेंगे, जहां वह और भी द्विपक्षीय बैठकें करेंगे. हम आपको जानकारी देते रहेंगे।
उन्होंने कहा था कि बैठक के बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हो सकती है. श्रृंगला ने बताया था कि वेटिकन ने वार्ता के लिए कोई एजेंडा तय नहीं किया है.उन्होंने कहा था, मेरा मानना है कि पंरपरा है कि जब परम पूजनीय (पोप) से चर्चा होती है तो कोई एजेंडा नहीं होता और हम इसका सम्मान करते हैं. मैं आश्वस्त हूं कि इस दौरान आम तौर पर वैश्विक परिदृश्य और उन मुद्दों को लेकर जो हमारे लिए महत्वपूर्ण है चर्चा में शामिल होंगे.उन्होंने कहा, कोविड-19, स्वास्थ्य के मुद्दे, कैसे हम साथ काम कर सकते हैं…ये कुछ विषय हैं जिनपर मेरा मानना है कि आमतौर पर चर्चा होगी।
बता दें प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को इटली पहुंचे. इसके बाद उन्होंने इटली की राजधानी रोम में यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ संयुक्त बैठक की थी, जिसमें पृथ्वी को बेहतर बनाने के उद्देश्य से आर्थिक तथा लोगों के बीच परस्पर रिश्तों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की गई.प्रधानमंत्री मोदी 16वें जी-20 शिखर सम्मेलन और सीओपी-26 विश्व नेता सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए 29 अक्टूबर से दो नंवबर तक यूरोप की यात्रा पर हैं।