लापरवाही : “द” और “ड” में अटका 300 परिवारों का पीएम आवास

गोण्डा में एक गांव ऐसा भी जहाँ अभी तक एक भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को आवास नहीं मिला…जबकि इस गांव में 300 परिवार ऐसे है जिनके पास रहने के लिए घर नहीं है, ये परिवार हर साल बाढ़ का दंश भी झेलता है। अभी तक इन परिवारों को पीएम आवास क्यों नहीं मिला तो कारण जिले के अधिकारियों से सुनने को मिला वो चौकाने वाला था…दरसल गांव का नाम दुल्लापुर है अधिकारियों की गलती से भारत सरकार की वेबसाइट पर गांव का नाम डुल्लापुर फीड हो गया…वेबसाइट पर गांव का नाम बदल जाने से दल्लूपुर गांव को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अभी तक एक भी घर जिला प्रशासन द्वारा नहीं दिया जा सका। इसकी शिकायत ग्राम प्रधान व ग्रामीणों द्वारा जिलाधिकारी सहित भारत सरकार को 2016 से की जा रही है। लेकिन अभी तक किसी भी तरह की कार्यवाही न भारत सरकार न ही जिलाधिकारी द्वारा किया गया।

अधिकारियों की उदासीनता के कारण इस गांव 300 परिवार छप्पर के घरों में रहने को मजबूर है, और हर साल आने वाले बरसात के मौसम में बाढ़ का दंश झेलते है। एक तरफ सरकार दावा कर रही है 2022 तक हर गरीब को घर दे दिया जाएगा, ऐसे में अगर सिर्फ अक्षर के फेर में अधिकारी गांव और ग्रमीणों को सालों तक पीएम आवास योजना से वंचित रखेगे तो सरकार के दावे कैसे पूरे होंगे यह एक गंभीर सवाल है? इस मामले पर जब जिले के सीडीओ से बात की गई तो उन्होंने कहा मामल भारत सरकार का है…जब तक वहाँ से जबाब नहीं आता तब हम कुछ नहीं कर सकते, यह जानकारी भारत सरकार को जिला प्रशासन द्वारा कई बार किया गया और कई बार रिमाइंडर भी भेजा गया लेकिन अभी तक कोई अपडेट नहीं आया है।

News Reporter
error: Content is protected !!