कन्हैया लाल यादव /बलरामपुर। अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के प्रमुख के जनसभा पर लगाए गए रोक के विरोध में आंदोलित अवध प्रांत के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम संबोधित विज्ञापन कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला अधिकारी को सौंपा। गौरतलब है कि असम राज्य में 18 ,19 जुलाई को आयोजित होने वाली अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद अध्यक्ष डॉ प्रवीण भाई तोगड़िया की जनसभा पर असम सरकार द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया था। जिसके विरोध में अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद और उनके अनुवांशिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने हरवंश सिंह विभाग संरक्षण तथा मंत्री कमलेश त्रिपाठी के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन कर जिला अधिकारी को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा।
विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया असम सरकार द्वारा राजधानी और उसके आसपास मीडिया को संबोधित करने और सार्वजनिक जनसभा को संबोधित करने पर लगाए गए दो महीने के प्रतिबंध लगाए हैं।
विभाग संरक्षक हरवंश सिंह ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष डॉ प्रवीण भाई तोगड़िया के संपूर्ण भारत में चलाए जा रहे भ्रमण और जनसभा संबोधन के कार्यक्रम के तहत 18 और 19 जुलाई को असम राज्य में जनसभा और संगठन के सेवा कार्यों की समीक्षा का विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तावित था जिस पर असम सरकार ने प्रतिबंध लगा कर विचार अभिव्यक्ति की मौलिक अधिकारों की स्वतंत्रता का हनन किया है जो संविधान विरुद्ध कार्य है जिस की घोर विरोध की जाती है राष्ट्रपति के नाम सौंपा गया ज्ञापन में मांग किया गया है कि असम सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटाकर विचार की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान करें और लोकतंत्र की मर्यादा को कायम रखा जाए।
गौरतलब है कि बुधवार को गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त हिरेन नाथ से मिलकर तोगड़िया ने यह जानने की कोशिश करेंगे कि क्यों उन्हें जनसभाओं को संबोधित करने और कोई बयान देने से प्रतिबंधित किया गया है। असम में एएचपी नेता ने कहा, ‘सरकार का यह कदम हमें चुप कराने के लिए है। हालांकि हम चुप नहीं बैठेंगे और भाजपा सरकार को इसका जवाब 2019 के आम चुनाव में देना होगा।’ उन्होंने कहा कि असम सरकार ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में 100 वाहनों को रोक दिया। इन वाहनों में सवार एएचपी के हजारों समर्थक गुवाहाटी पहुंचकर तोगड़िया से मिलने वाले थे।