पीआरडी जवानों ने बैठक कर युवा कल्याण विभाग द्वारा जवानों का लगातार किये जा रहे शोषण का पुरजोर तरीके से विरोध किया. युवा कल्याण अधिकारी जवानों को वर्दी सही न पहनने पर कार्यवाही की बात तो करते हैं किंतु खुद किसी कार्यक्रम के दौरान उक्त कार्यक्रम की देखरेख उनके हाथों में सौंपते है क्योंकि इस विभाग का पीआरडी से कोई मेलजोल नही.
हिदुस्तान की आज़ादी के उपरांत देश की आज़ादी में भूमिका निभाने वाले नेताजी सुभाषचंद्र बोस के नेतृत्व में प्रांतीय रक्षक दल (PRD) की शुरुआत हुई थी , जिसके बाद समय बीतने के बाद इस दल के साथ सरकारों का सौतेला व्यवहार बढ़ता गया और इसकी दुर्दशा होती चली गई, विगत वर्षों में सरकार ने इस ओर ध्यान देना शुरू भी किया ,लेकिन जिस विभाग के हाथों में इस दल का हाथ थमाया वहां शोषण होना आरम्भ हो गया और दुर्दशा हो गई ।
जवानों के पदों पर चयन,कम्पनी का गठन ड्यूटी भत्ते एवं जवानों को रोजगार उपलब्ध कराने की बात कभी नहीं करते हैं. जवानों के कम्पनी गठन का आदेश दिनांक 14अक्टूबर 2019 को हो चुका है. पदों के चयन के साथ डेटा फिटिंग का आदेश है परंतु युवा कल्याण ने इस पर रोक लगा कर जवानों क़ो विकास से जोड़ने का कार्य करने की तैयारी शुरू कर दी है जो सरासर जवानों के साथ छलावा है।
जिससे समस्त जवानों मे रोष व्याप्त है. जवान अब आर पार की लडाई के मूड मे हैं और शासन से पीआर डी को युवा कल्याण से अलग किए जाने का अनुरोध बार बार करते चला आ रहे हैं. युवा कल्याण से अलग हुए बिना पीआर डी का कल्याण संभव नहीं है। बैठक में मुख्य रूप से पीलीभीत से म़ोतीराम बरेली से अमर सिंह सोमंवशी भजन लाल कश्यप राजवीर तोमर पन्नीलाल सत्यवीर गौतम आदि मौजूद रहे।