मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी विद्यालय में फर्जी अनामिका शुक्ला के नाम पर नौकरी का भंडाफोड़ होने से पहले मऊ जिले में 64 फर्जी शिक्षक पकड़े गए थे। इन सभी लोगों ने ना सिर्फ फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी ली बल्कि सरकार से करोड़ों रुपए वेतन भी लिया और गायब हो गए। मऊ जिले में अब तक बर्खास्त हुए ऐसे 64 शिक्षकों के खिलाफ डीएम के निर्देश पर गैंगेस्टर की कार्रवाई होने जा रही है, इसके साथ इनसे वसूली के लिए लंबित पड़े 6 करोड रुपये की वसूली के लिए कुर्की नोटिस निकाला जा रहा है।
मऊ के डीएम ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि जिले में लंबे समय से कुछ शिक्षक फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे थे। सरकारी धन का बखूबी उपयोग कर रहे थे। इतना ही नहीं इनके दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा रहा। जांच के बाद तकरीबन 64 शिक्षकों को बर्खास्त भी किया गया था। इन शिक्षकों के यहां सरकारी धन यानी खजाने से लिए गए 6 करोड़ के वेतन की रिकवरी भी करने के लिए नोटिस जारी किया गया था लेकिन किसी भी फर्जी शिक्षक ने जवाब नहीं दिया।
उन्होंने बताया कि मामले को गंभीरता से लेते हुए अब बर्खास्त शिक्षकों से धन वसूली के लिए कुर्की की कार्रवाई की जाएगी। इन सभी शिक्षकों से सरकारी धन हर हाल में वसूला जाएगा। उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर पर भी बर्खास्त शिक्षकों के संदर्भ में जांच कराई जाएगी। संबंधित लिपिक भी जांच की जद में आएंगे। बर्खास्त शिक्षकों के खिलाफ की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। ताकि जिले में फर्जी तरीके से नौकरी हासिल करने के मामलों में विराम लग सके। जिलाधिकारी के अनुसार जिले में विभिन्न सरकारी विभागों के अभिलेखों से फाइलों के गायब होने का मामला सामने आया है। अभिलेखों के गायब होने के मामले में जिलाधिकारी ने अलग-अलग टीमें गठित कर दी है। साथ ही जांच रिपोर्ट मांगी है। डीएम के अनुसार, तकरीबन 70 से अधिक लिपिक जांच की जद में हैं। इन पर सख्त कार्रवाई यानी जांच उपरांत प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। साफ शब्दों में कहा कि कई विभागों में फर्जीवाड़े से संदर्भित फाइलें गायब हो गई हैं। ऐसे में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, सूची तैयार कर ली गई है।