नई दिल्ली, 3 अक्टूबर। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आज माननीय सर्वोच्च न्यायालय में लम्बित मामले की सुनवाई हेतु उपस्थित हुये पर माननीय न्यायालय ने आज की कार्यवाही अगली तारीख तक स्थगित कर दी। मनोज तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर मीडिया को सम्बोधित किया। जिसमें उनके साथ सांसद डाॅ. उदित राज, प्रदेश महामंत्री श्री राजेश भाटिया, प्रदेश पदाधिकारी एवं जिला अध्यक्ष सहित भारी संख्या में सीलिंग से पीड़ित नागरिक मौजूद थे।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने गोकुलपुरी सीलिंग की घटना के संदर्भ में उन्हें सीलिंग अफसर बनाने और अपना एफिडेविट दाखिल करने को कहा था। उन्होंने कहा माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष एफीडेविट 1 अक्टूबर को दाखिल कर दिया था। जिस सीलिंग तोड़ने के मामले में अवमानना का नोटिस दिया गया है उसके लिए न तो कोई नोटिस दिया गया और न ही कोई सीलिंग ऑर्डर दिया गया। मेरा सवाल यह है कि सीलिंग क्यों हुई। इससे स्पष्ट है कि मॉनिटरिंग कमेटी भ्रष्ट अधिकारियों के साथ मिलकर सीलिंग रैकेट चला रही है।
तिवारी ने कहा मॉनिटरिंग कमेटी न्यायिक रूप से अपने दायित्वों का पालन नहीं कर रही है। दिल्ली की जनता पर पिक एंड चूज के तहत अत्याचार हो रहा है और अब यह जो सीलिंग है वह सीलिंग उद्योग बन गया है। उन्होंने कहा कि 2006 से 2018 तक भ्रष्ट अधिकारियों के साथ मिलकर मॉनिटरिंग कमेटी ने जिस तरह कार्यवाही की है उससे दिल्ली की जनता भयभीत है। उन्होंने कहा कि मैंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 1000 जगहों की लिस्ट भी दे दी है।
मनोज तिवारी ने कहा कि न्याय की सुनवाई नहीं हो रही है और अगर कोई न्याय का प्रश्न उठाता है तो उसको सुनवाई करने के लिए एक लाख रूपये जमा कराने पड़ते हैं। जहां पर देश में 6 रूपये की टिकट पर न्याय के लिए सुनवाई की जाती है वहां पर एक लाख रूपये देना नेचुरल जस्टिस के खिलाफ है।
तिवारी ने कहा कि मुझे आज नहीं सुना गया और मुझे अगली तारीख दी गई है। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान पर मुझे पूरा विश्वास है। भारत की न्याय व्यवस्था सबसे सुंदर न्याय व्यवस्था है। कुछ लोग न्याय व्यवस्था को कटघरे में लाने के लिए खड़े हुए हैं, मैं उनके विरोध में खड़ा हुआ हूं।
तिवारी ने कहा कि मैं पूरी दिल्ली के लोगों को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि मैं उन गरीब, कमजोर, पीड़ित जिनके ऊपर अनलॉफुल का गलत ठप्पा लगा कर जो तकलीफ दी जा रही है उन सब के लिए खड़ा हूं, खड़ा था, खड़ा रहूंगा। उन्होंने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट से प्रार्थना करता हूं कि जब तक लोगों के सीलिंग अत्याचार के ऊपर यह जो केस है सुना नहीं जाता तब तक उन सभी सीलिंग पर रोक लगनी चाहिए।