नादिर खान/महोबा। डिजिटल इंडिया के दौर में हर हाँथ में बैंक आने बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक शाखाओं ला महत्व कम नही हुआ । महोबा जिले के गुढा गांव में 36 साल से संचालित इलाहबाद बैंक की शाखा को दूसरे गांव में स्थापित कर दिए जाने से ग्रामीणों में खासा आक्रोश पनप रहा है। लामबंद ग्रामीणों ने बैंक नही तो वोट नही के नारे के साथ चुनाव बहिष्कार का एलान कर डाला। ग्रामीणों द्वारा चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिए जाने से जिला प्रशासन के हाथ पैर फूल उठे है।
सरकारी योजनाओं सहित रोजमर्रा के काम मे आज बैंक की महत्वपूर्ण भूमिका है । रातों रात गांव से गांव से बैंक क्या गया लोग आपसे बाहर हो गये । मामला चरखारी विधानसभा के गुढा गांव का है। जहाँ पर करीब 36 साल से इलाहबाद बैंक की शाखा संचालित थी। जिसको इस गांव से हटाकर कर गौरहारी गांव में स्थापित कर दिया गया है। ग्रामीणों ने गांव में बैंक के संचालन को लेकर जिला प्रशासन सहित उच्चाधिकारियों को पत्र भी भेजा था। प्रशासन द्वारा इस ओर कोई ध्यान न दिए जाने से आक्रोशित ग्रामीण सड़को पर उतर आये। उन्होंने बैंक नही तो वोट नही का नारा लगाते हुए चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर डाला। सड़क पर चीख चीख कर अपने गाँव को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिये ये 70 वर्षीय महिला परेशान है । विधवा, व्रद्धा पेंशन सहित मनरेगा जैसी योजना का पैसा सीधे लोगों के खाते में आता है अब तक गाँवके बैंक थी लोग घण्टों लाइनके लगकर बैंक से लेनदेन करते थे । गाँव से बैंक जाने से लोग खासे नाराज़ है ।
डीएम सहदेव का कहना है कि सर्कुलर के आधार पर बैंक शाखा को गोरहारी में स्थापित किया गया। फिर भी गुढा में काउंटर खोलकर ग्रामीणों को बैंक सुविधा का लाभ दिलाया जाएगा।