किशन कुमार। अमेठी जनपद की जिला पंचायत राज अधिकारी के रूप में तैनात श्रेया मिश्रा को विजिलेंस टीम के द्वारा सफाई कर्मी सुशील कुमार सिंह को बकाया वेतन भुगतान के एवज में 30 हजार रुपए घूस देते समय विकास भवन स्थित उनके ही कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया गया । हालांकि उनकी गिरफ्तारी के बाद बहुत सारे सवाल लगातार खड़े हो रहे हैं । इसी मामले को लेकर आज जिले के ग्राम पंचायत अधिकारी संघ एवं ग्राम विकास अधिकारी संघ के संयुक्त तत्वाधान में सफाई कर्मियों के साथ अमेठी जनपद मुख्यालय गौरीगंज स्थित जिलाधिकारी आवास के सामने धरना प्रदर्शन करते हुए माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को संबोधित पत्र जिला अधिकारी अमेठी के द्वारा भेजा गया ।
इस पत्र को अमेठी के ज्वाइंट मजिस्ट्रेट संजीव कुमार मौर्या के द्वारा लेते हुए नियमानुसार मुख्यमंत्री को भेजने के लिए आश्वस्त किया गया । इस ज्ञापन में संघ के द्वारा साफ तौर पर लिखा गया है कि जिला पंचायत राज अधिकारी अमेठी श्रेया मिश्रा पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं । इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा । वह अमेठी की कर्मठ जिला पंचायत राज अधिकारी थी उनके साथ दुर्भावना से ग्रस्त होकर साजिश के तहत विभागीय कार्य में सुशील कुमार के द्वारा विजिलेंस टीम द्वारा ट्रैप करा कर गिरफ्तार करवा दिया गया है । जबकि वह कार्मिक स्वयं दागदार छवि का है उसके ऊपर 1 करोड़ रुपए चोरी का वाद माननीय न्यायालय में विचाराधीन है । जिससे कि सिलसिले में वह 2 बार जेल भी जा चुका है ।
इसके अलावा अपने साथी कार्मिक के खाते से 13 लाख रुपये धोखाधड़ी कर निकाल लिया था । जब वह बात खुली तब सुशील कुमार ने एक बार 10लाख रुपये तथा दूसरी भारतीय 1 लाख 75 हजार इस तरह से कुल 11लाख 75 हजार रुपये अपने साथी को वापस किया गया । अभी भी ₹125000 उसने नहीं वापस किया है । उपयुक्त प्रकरणों के चलते उनकी नियुक्ति वर्ष 2009 से आज तक एक भी इंक्रीमेंट नहीं लग सका है । जिस के भुगतान हेतु संबंधित कर्मचारी के द्वारा बार-बार अनुचित तरीके से भुगतान कराने का प्रयास किया जा रहा था । विभिन्न माध्यमों से अपने उच्चाधिकारी पर दबाव दबाव बनाया जा रहा था । जिसका जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा नियम विरुद्ध कार्यवाही करने से मना किया जाता रहा है। तब उसने एक साजिश के तहत उनके टेबल पर रुपया फेंक कर जिला पंचायत राज अधिकारी को विजिलेंस टीम के द्वारा गिरफ्तार करवा दिया गया है।
अतः उपर्युक्त प्रकरण में ऐसे उद्दंड एवं अनुशासनहीनता था अपने दायित्वों से विमुख रहने वाले कर्मचारी सुशील कुमार एवं उनके साथियों के झूठे आरोप पर एक ईमानदार कर्मठ एवं न्याय पूर्ण अधिकारी पर कार्यवाही किया जाना न्याय संगत नहीं है। अतः प्रकरण की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच करवाने के पश्चात दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध उचित कार्यवाही किए जाने की आवश्यकता है। इस पत्र के माध्यम से संगठन ने प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ से ईमानदार अधिकारी श्रेया मिश्रा को के ऊपर लगाए गए निराधार आरोपों से मुक्त कराए जाने की मांग की गई है।