पंजाब सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुधवार को राज्य के दौरे के दौरान कथित सुरक्षा चूक की जांच के लिए गुरुवार को दो सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के कार्यालय द्वारा जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, पैनल में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मेहताब सिंह गिल और अनुराग वर्मा, गृह मामलों और न्याय के प्रमुख सचिव शामिल होंगे।
क्या है पूरा माजरा ?
बीते बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 42,750 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखने के लिए फिरोजपुर जाने वाले थे। जिसके बाद पीएम मोदी बुधवार सुबह बठिंडा पहुंचे, जहां से उन्हें हेलीकॉप्टर से हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था। लेकिन बारिश और खराब दृश्यता के कारण प्रधानमंत्री ने करीब 20 मिनट तक मौसम साफ होने का इंतजार किया।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि जब मौसम में सुधार नहीं हुआ तो तय हुआ कि वह सड़क मार्ग से राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाएंगे, जिसमें दो घंटे से अधिक समय लगेगा। फिर डीजीपी पंजाब पुलिस द्वारा सुरक्षा प्रबंधों की आवश्यक पुष्टि के बाद प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से यात्रा करने के लिए आगे बढ़े।
पीएम मोदी सड़क मार्ग से हुसैनीवाला के लिए निकले लेकिन राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब 30 किमी दूर जब प्रधानमंत्री का काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा तो पाया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया। प्रधानमंत्री 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसे रहे। जिसके बाद पीएम मोदी ने फ़ैसला लिया की वह वापस दिल्ली लौट जायेंगे बिना अपना कार्यक्रम किये।
आधिकारिक बयान में कहा गया है, “यह प्रधान मंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी चूक थी। प्रधान मंत्री के कार्यक्रम और यात्रा योजना के बारे में पंजाब सरकार को पहले ही सूचित कर दिया गया था। प्रक्रिया के अनुसार, उन्हें रसद, सुरक्षा के साथ-साथ एक रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था करनी होगी।”