नितिन उपाध्याय/रवि.. आरोपों से घिरे राफेल सौदे पर सर्वोच्च अदालत का फैसला आने के बाद देश की राजनीति में नया उबाल आ गया है. केंद्र की मोदी सरकार ने जहां फैसले के बाद कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर हमलावर हो गयी है. वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का कहना है कि राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का वह स्वागत करते है।
शनिवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अप्रत्याशित रूप से कांग्रेस के अलग जाते हुए कहा कि राफेल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आखिरी है. इस पर टिप्पणी करना अब ठीक नहीं है, लेकिन अब भी अगर किसी को लगता है तो उसे अपनी बात सुप्रीम कोर्ट में ही रखनी चाहिए। राफेल जांच कांग्रेस की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को दिए जाने की मांग पर अखिलेश ने कहा कि हमारी अब जेपीसी की मांग नहीं है. यह मांग तब थी जब मामला सुप्रीम कोर्ट में नहीं आया था। अब इस पर जांच हो चुकी है अब किसी दूसरी जांच की आवश्यकता नहीं है।
वहीं दूसरी ओर, राफेल सौदे पर सुप्रीम कोर्ट से झटका लगने के बाद भी कांग्रेस ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद शनिवार को पीएसी (लोक लेखा समिति) के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऐसी किसी रिपोर्ट के सामने आने से इंकार करते हुए कहा, ‘मैं लोक लेखा समिति के सभी सदस्यों से अनुरोध करूंगा कि अटॉर्नी जनरल और सीएजी को यह बात पूछने के लिए तलब करें कि राफेल सौदे पर सीएजी की रिपोर्ट कब संसद में पेश की गई।
बता दें कि राफेल जांच होने के बाद कोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। कोर्ट का पैसला आने के बाद कांग्रेस पार्टी बौखला गयी है। राफेल पर फैसला आने के बाद सपा पार्टी भाजपा के साथ खड़ी दिखाई दी। राहुल की जेपीसी की जांच की मांग का सपा अध्यक्ष विरोध कर रहे है।