राहुल द्रविड़ इंडिया ए टीम के कोच रह चुके हैं, NCA को हेड कर चुके हैं और मौजूदा वक्त में टीम इंडिया के चीफ कोच हैं, जो फिलहाल केप टाउन जीतने पर नजरें जमाए हैं। लेकिन, इन सारी भूमिकाओं से पहले राहुल द्रविड़ एक क्रिकेटर हैं..
नेशनल, राहुल द्रविड़: वर्ल्ड क्रिकेट में यह नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है। कहते हैं, जैसे हीरे की परख जौहरी को होती है, ठीक वैसे ही बेहतरीन खिलाड़ियों को भांप लेने की कला है राहुल द्रविड़ में। तभी तो भारतीय क्रिकेट में वे विभिन्न अहम पदों पर तैनात रहे। वे इंडिया ए टीम के कोच रह चुके हैं, NCA को हेड कर चुके हैं और मौजूदा वक्त में टीम इंडिया के चीफ कोच हैं, जो फिलहाल केप टाउन जीतने पर नजरें जमाए हैं। खैर, इन सारी भूमिकाओं से पहले राहुल द्रविड़ एक क्रिकेटर हैं।
राहुल द्रविड़ ने लगभग डेढ़-दो दशक भारत के लिए क्रिकेट खेला। जब उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा था तब उनका सिर्फ एक ही निक नेम था- जैमी। लेकिन, वे इसे अलविदा कह, भारतीय क्रिकेट की ‘दीवार’ बन गए। उन्हें दीवार का तमगा उनके बनाए कुछ गजब रिकॉर्ड्स के चलते मिला। उन रिकॉर्ड्स के बारे में आपको बताएँ, उससे पहले जान लें कि आज राहुल द्रविड़ का 48वां जन्मदिन है। 11 जनवरी 1973 को मध्यप्रदेश के इंदौर में द्रविड़ का जन्म हुआ था।
मध्य प्रदेश के बेटे और कर्नाटक में क्रिकेट खेलकर बड़े हुए द्रविड़ के बनाए 5 रिकॉर्ड्स ऐसे हैं, जो उन्हें सही मायनों में दुनिया के सामने भारतीय क्रिकेट की ‘दीवार’ के तौर पर स्थापित करते हैं। इनमें सबसे पहला है, टेस्ट क्रिकेट की क्रीज पर बिताया उनका समय। राहुल द्रविड़ ने अपने पूरे टेस्ट करियर में 44152 मिनट, यानी 735 घंटे और 52 मिनट क्रीज पर बिताए हैं, जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है। इस दौरान उन्होंने 164 मैच में 36 शतक के साथ 13288 रन 52.3 की औसत से बनाए।
टेस्ट क्रिकेट में 30000 से भी अधिक गेंद खेलने वाले राहुल द्रविड़ दुनिया के इकलौते बल्लेबाज हैं। उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 31258 गेंदों का सामना किया, जो कि रिकॉर्ड है। राहुल द्रविड़ के नाम टेस्ट क्रिकेट की शुरुआती 286 पारियों में एक बार भी गोल्डन डक नहीं होने का रिकॉर्ड भी दर्ज है। द्रविड़ ‘दीवार’ सिर्फ क्रिकेट के 22 गज के एरिया में ही नहीं हैं, बल्कि फिल्डिंग में भी रह चुके हैं। गेंद शायद ही इस दीवार से पार जा पाती थी। तभी तो उनके नाम टेस्ट में सबसे ज्यादा 210 कैच पकड़ने वाले गैर-विकेटकीपर खिलाड़ी होने का रिकॉर्ड दर्ज है।
वनडे क्रिकेट के इतिहास में राहुल द्रविड़ पहले ऐसे प्लेयर हैं, जो दो बार 300 प्लस साझेदारियों का हिस्सा रहे हैं।