कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि, हिंदुत्व और हिंदू धर्म दो अलग-अलग चीजें हैं। और इस तरह के मतभेदों को तलाशने और समझने की जरूरत है।
वर्धा में एक शिविर को संबोधित करते हुए, राहुल गांधी ने पूछा कि क्या हिंदू धर्म एक अलग धर्म के लोगों को सताने के बारे में है ? जबकि हिंदुत्व “निश्चित रूप से” इसके बारे में है। हिंदू धर्म, जैसा कि हम जानते हैं, और हिंदुत्व में क्या अंतर है? क्या ये एक ही चीज हैं? क्या वे एक ही चीज हो सकते हैं? अगर वे एक ही चीज हैं, तो उनका एक ही नाम क्यों नहीं है? उनके अलग-अलग नाम क्यों हैं? हम हिंदुत्व शब्द का प्रयोग क्यों करते हैं ? हिंदुत्व शब्द का प्रयोग क्यों नहीं करते, यदि वे एक ही चीज हैं? वे स्पष्ट रूप से अलग चीजें हैं।
आगे राहुल गाँधी ने कहा “और ये ऐसी चीजें हैं जिन्हें हमें तलाशना और समझना शुरू करना है। और लोगों के एक समूह को विकसित करना है। जो इन मतभेदों को गहराई से समझते हैं। जो इन मतभेदों को मुद्दों, व्यवहारों, कार्यों पर लागू कर सकते हैं। क्या हिंदू धर्म सिख या मुसलमान को पीटने के बारे में है? हिंदुत्व बेशक है। लेकिन क्या हिंदू धर्म अखलाक को मारने के बारे में है?”
उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने उपनिषद पढ़े हैं। और यह कहीं नहीं देखा है कि “आपको निर्दोष व्यक्ति को मारना चाहिए”।
गांधी की यह टिप्पणी पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद को बचाने के मकसद से देखा जा रहा हैं। वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद के हाल ही में रिलीज़ हुई किताब “सनराइज ओवर अयोध्या” पर विवाद अभी गरम हैं। इस किताब में सलमान खुर्शीद ने हिंदुत्व की तुलना इस्लामिक स्टेट और नाइजीरिया के बोको हराम जैसे समूहों के साथ की हैं। यही से विवाद पैदा हुआ जिसके बाद इसी कड़ी में राहुल गाँधी सलमान खुर्शीद के पक्ष में आ गए हैं।
बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मुद्दे और उसके प्रभाव, इस मामले पर कानूनी लड़ाई, और इलाहाबाद उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के बारे में विस्तार से बताते हुए खुर्शीद ने अपनी पुस्तक में लिखा, “सनातन धर्म और शास्त्रीय हिंदू धर्म जो संतों के लिए जाना जाता है। हिंदुत्व के एक मजबूत अजेंडे द्वारा हिंदू धर्म को हाशिये पर धकेल जा रहा हैं। हिंदुत्व सभी मानकों में हाल के वर्षों के आईएसआईएस और बोको हराम जैसे समूहों के जिहादी इस्लाम की तरह उभर कर आया हैं। चूंकि राजनीतिक सामग्री स्पष्ट थी, इसलिए चुनाव अभियानों में इस हिंदुत्व शब्द को अनिवार्य रूप से जगह मिलती रहती हैं।
इसके अलावा शुक्रवार को, राहुल गांधी ने स्वीकार किया कि आरएसएस और भाजपा की “घृणित विचारधारा” पर अब कांग्रेस की “स्नेही और राष्ट्रवादी” विचारधारा हावी हो गई है।
राहुल गांधी ने कहा, आज हम माने या न माने, आरएसएस और बीजेपी की नफरत भरी विचारधारा पर कांग्रेस पार्टी की स्नेही और राष्ट्रवादी विचारधारा भारी पड़ गया है। हमें इसे स्वीकार करना होगा। हमारी विचारधारा जीवित है, जीवंत है और यह छाया हुआ है।