रेल से यात्रा करने वाले यात्री के लिए रेलवे बोर्ड में कुछ बदलाव किए है जिससे रेल की यात्रा को स्वच्छ बनाया जा सके जिससे यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा महसूस न हो। रेलवे बोर्ड यात्रियों के सफर को बेहतर बनाने और खर्च कम करने का लगातार प्रयास करने में जुटी है। इसके मद्देनजर पिछले कुछ दिनों में काफी बदलाव देखने को मिले हैं। इसी तर्ज में एक और बदलाव रेलवे बोर्ड करने जा रहा है, जिसका असर सिर्फ एसी डिब्बों में सफर करने याले रेल यात्रियों पर पड़ेगा।
रेलवे बोर्ड ने अब ये फैसला किया है कि एसी डिब्बों में सफर करने बाले मुसाफिरों को जो फेस साफ करने के लिए टॉवेल दिया जाता था अब वो यात्रियों को नहीं दिया जाएगा। बल्कि टॉवेल की जगह पर अब यात्रियों को नैपकिन दिए जाएगें जो एक बार यूज़ करने के लिए होगा। नैपकिन टॉवल के से ज्यादा हाईजेनिक होता है। रेलवे, यात्रियों के लिए यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने कि ओर ध्यान दिया जा रहा है। इसी क्रम में कुछ महीने पहले रेलवे बोर्ड ने एसी डिब्बों में यात्रा करने वालों को नायलॉन के कंबल उपलब्ध कराने का सभी जोनों को आदेश दिया था और अब कॉटन के बिना बुनाई वाले फेस टॉवल देने को कहा है। इस फैसले से खर्च में काफी कमी आ जाएगी।
फिलहाल फेस टॉवेल पर जो खर्च आता है, वो एक टॉवेल 3.53 रुपये है। सभी रेलवे जोनों के महाप्रबंधकों को 26 जून को भेजे गए पत्र में बोर्ड ने कहा है कि नए नैपकिन पर खर्च कम आएगा, क्योंकि उन्हें थोक में खरीदा जा सकता है और वह आकार में भी छोटे होंगे। एसी डिब्बों में यात्रा करने वालों के टिकट में बेडरोल की कीमत शामिल होगी।आपको बता दे टॉवल के मुकाबले में नैपकिन थोक के भाव में खरीदने पर काफी सस्ते होते और साथ एक बार इस्तेमाल किया जाता है जिससे धुलाई का भी कोई खर्च नहीं होता है।