मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों के हित में बड़ा और संवेदनशील फैसला लेते हुए प्रदेशभर में कृषि भूमि नीलामी रोकने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में रिजर्व बैंक के नियंत्रण में आने वाले व्यवसायिक बैंकों द्वारा किसानों के ऋण न चुका पाने के कारण रोड़ा एक्ट (Removal of Difficulties Act) के तहत भूमि की कुर्की व नीलामी की कार्रवाई की जा रही है। राज्य सरकार ने अधिकारियों को इसे रोकने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Koo App पर एक पोस्ट शेयर करते हुए इस बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने सहकारी बैंकों के ऋण माफ किए हैं और भारत सरकार से आग्रह किया है कि कमर्शियल बैंकों से वन टाइम सैटलमेंट कर किसानों के ऋण माफ करें। राज्य सरकार भी इसमें हिस्सा वहन करने हेतु तैयार है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 5 एकड़ तक कृषि भूमि वाले किसानों की जमीन नीलामी पर रोक का बिल विधानसभा में पास किया था, लेकिन अभी तक राज्यपाल महोदय की अनुमति ना मिल पाने के कारण यह कानून नहीं बन सका है। मुझे दुख है कि इस कानून के ना बनने के कारण ऐसी नौबत आई। मैं आशा करता हूं कि इस बिल को जल्द अनुमित मिलेगी जिससे आगे ऐसी नीलामी की नौबत नहीं आएगी।
प्रदेश में तेज हो रहा था किसानों की जमीनों को कुर्क करने का सिलसिला
आपको बता दें कि प्रदेश में बैंकों का कर्ज नहीं चुका पा रहे किसानों की जमीनों को कुर्क और नीलाम किए जाने का सिलसिला तेज होता जा रहा है। बुधवार को दौसा जिले में एक किसान की जमीन नीलाम की गई। यह दीगर बात है कि दोनों नीलामी प्रक्रिया बाद में राजनीतिक दबाव में कैंसल कर दी गईं। किसान नेता राकेश टिकैत और बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा दौसा पहुंच गये थे। इसी के चलते नीलामी की इस प्रक्रिया के बाद राजनीति गरमा गई और मामला ने तूल पकड़ लिया, लेकिन अब सीएम गहलोत ने संवेदनशील फैसला लेते हुए प्रदेशभर में कृषि भूमि नीलामी रोकने के निर्देश दिए है।