तीन कृषि कानूनों को लेकर पिछले करीब एक साल से चल रहा आंदोलन अब और बढ़ता जा रहा है। बता दें आंदोलनकारी किसानों की पहले मांग थी कि तीनों कृषि कानून खत्म किए जाएं, एमएसपी पर गारंटी दें और किसानों के हित वाले कानून बनाएं, लेकिन इसमें एक और मांग जुड़ गई। वह मांग है गृहराज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी को जेल भेजने की।
दरअसल इंडिया टीवी से बात करते हुए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसान आंदोलन तब तक चलता रहेगा, जब तक तीन कृषि कानून खत्म नहीं होंगे और राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी टेनी जेल नहीं जाते हैं। वे 120 बी के मुलजिम हैं और लखीमपुर खीरी के तिकोनिया थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज है।
राकेश टिकैत ने कहा, उन्होंने बड़ा खतरनाक बयान दिया था। उनका बयान था कि “दो जिलों से या तो किसान संगठन वाले मान जाएं, नहीं तो मैं गृहमंत्री से अलग कुछ हूं। एमपी-एमएलए से बड़ा हूं। मेरा पुराना इतिहास देख लो, मैं क्या हूं।”
राकेश टिकैत ने मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी पर साधा निशाना-
उनका पुराना इतिहास तो गुंडे का है। वहां के लोग डरते हैं उनसे। उनसे कहा है कि “या तो मान जाओ, नहीं तो यहां से पलायन करना पड़ेगा।” कहा कि इस मामले में कानून अपना काम नहीं कर रहा है। जब तक वह देश का गृह राज्य मंत्री रहेगा, तब तक कानून के हाथ बंधे रहेंगे। पूछा कि किसी पुलिस-प्रशासन की हिम्मत है उनके खिलाफ कार्रवाई करने की।
टिकैत ने सिंघू बार्डर पर दलित सिख की हत्या की चर्चा करते हुए कहा, “सिंघू बार्डर पर जो घटना हुई, उसमें छह घंटे में ही गिरफ्तारी हो गई। वह पुलिस-प्रशासन के बीच हुई। वहां पर एलआईयू-इंटेलिजेंस के लोग थे। वे पाकिस्तान में जा सकते हैं, वहां का घटनाक्रम उनको पता है। दस कदम की दूरी पर सिंघू बार्डर है, वहां पर नहीं जा सकते हैं। यह एलआईयू-इंटेलिजेंस की देखरेख में करवाई हुई घटना है। उसमें भारत सरकार की साजिश है। कौन सी एजेंसी उसमें काम कर रही थी।”
कहा कि यह देश कृषि और ऋषि पर आधारित है। इसमें कृषि के साथ छेड़खानी होगी तो हलचल होगी। इसमें ऋषि के साथ छेड़खानी होगी तो हलचल होगी।