मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। मुंबई से भुवनेश्वर जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार बरेली और पीलीभीत के लोग लखनऊ में उतरने की बजाय प्रतापगढ़ आ गए। यहां उतरने के बाद उन्हें सुल्तानपुर भेजा गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंबई से लखनऊ होकर भुवनेश्वर जा रही स्पेशल ट्रेन शनिवार सुबह आठ बजे प्रतापगढ़ पहुंची। उससे 163 यात्री यहां उतारा गया। इसमें प्रतापगढ़ के 35 यात्री थे। अन्य यात्री बरेली, सुल्तानपुर, पीलीभीत, प्रयागराज, मिर्जापुर, भदोही और जौनपुर के थे। बरेली और पीलीभीत के यात्रियों के लखनऊ में न उतरने की बाबत अधिकारियों ने पूछताछ की तो उन्होंने अनजाने में प्रतापगढ़ आने की बात कही।
हालांकि यहां से बरेली व पीलीभीत के यात्रियों को सुल्तानपुर भेजा गया। स्टेशन अधीक्षक अनिल शुक्ला ने बताया कि यात्री भूल से यहां आ गए थे। यहां से उन्हें बस से भिजवाया गया। सूरत की एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन शुक्रवार रात 9:30 बजे प्रतापगढ़ आई थी। उससे यहां 19 जिले के 495 यात्री उतरे। इसमें प्रतापगढ़ के 106 यात्री थे। अन्य जनपद के यात्रियों को 21 बस से उनके घर भेजा गया। इस संदर्भ में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि यूपी सरकार ब्यूरोक्रेसी के चंगुल में जकड़ गयी है। वैचारिक प्रतवद्धताओं की बात करने वाली भाजपा के पास जनहित के लिए उसका कोई विजन नहीं है। वह केवल जनहित के ड्रामा करती है।यूपी सरकार के जो लोग प्रवासियों को मंगाने का दावा कर रहे हैं वह ये बताएं कि भोले-भाले श्रमिक लखनऊ की जगह प्रतापगढ़ कैसे पहुँच गये? केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार में यदि नैतिकता है तो उन अफसरों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करे जिनकी लापरवाही के कारण बरेली-पीलीभीत के श्रमिक लखनऊ के बजाय प्रतापगढ़ पहुंच गए।