नई दिल्ली, 30 अक्टूबर, 2018 : ऑल इंडिया ज्यूडिशियल सर्विसेज आज की जरुरत बन गयी है। यह बने इसका मैं पूर्ण रूप से समर्थन करता हूं। इसके लिए सबको मिलकर चलना होगा। ये उक्त बातें भारत के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कॉसि्ंटटयूशन क्लब में फोरम फॉर ऑल इंडिया ज्यूडिशियल सर्विसेज द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही।उन्होंने आगे कहा कि 5000 खाली पड़े सबऑर्डिनेट के पदों को भरा जा रहा है, जो कि सराहनीय है। यदि ज्यूडिशियरी को अकाउंटिबिलिटी और इफेक्टिव बनाना है तो हमें रिक्रूटमेंट सर्विसेज को ट्रांसपेरेंसी और बेहतर करना होगा।
वहीं पूर्व मानव संसाधन राज्य मंत्री संजय पासवान ने लोगों की भागीदारी पर बल देते हुए कहा कि हाशिये वर्गां को ज्यूडिशियरी में भागीदारी मिलनी चाहिए चाहे वो अनुसूचित जाति/जनजाति से हो या फिर महिला हो या फिर दिव्यांग हो, सबों का सभी क्षेत्र में हिस्सेदारी होनी चाहिए।उन्होंने ऑल इंडिया ज्यूडिशियल सर्विसेज का समर्थन करते हुए कहा कि यह आज की आवश्यकता है, और यह होना चाहिए।
पूर्व न्यायाधीश शोभा दीक्षित ने ज्यूडिशियरी में महिलाओं की भागीदारी पर जोर देते हुए कहा कि आखिर कहाँ-कहाँ और क्या दिक्कतें हैं जिसके कारण महिलाएं ज्यूडिशियरी में कम आती है। अभी भी आशानुरूप बहुत कम महिलाएं इस क्षेत्र के बड़े पदों को सुशोभित कर रही है।
इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष राम शंकर कठेरिया, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री विकास सिंह, फोरम के अध्यक्ष डॉ. सुब्बा राव समेत कई जानी-मानी हस्तियों ने हिस्सा लिया। कानून विज्ञ, विधि छा़त्र-छाआओं ने हजारों की मौजूदगी में इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।