पीलीभीत। दुधवा पार्क में रेड कोरल सांप भले की कई साल बाद देखा गया हो, लेकिन पीलीभीत टाइगर रिजर्व ऐसे सांपों का गढ़ बन गया है। यहां नहरों की तलहटी और ठंडा स्थान इनकी संख्या को बढ़ा रहा है। यहां पर 13 साल पहले रेड कोरल देखा गया था और इसके बाद भी देखा जा रहा है। सांप को देखे जाने के बाद इसकी रिपोर्ट भी अधिकारियों को दी जा रही है।
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों के अलावा यहां पर अन्य काफी संख्या में जीव जंतु पाए जाते है। यहां पर जो दिखाई दे जाते है उनकी पहचान हो जाती है। ऐसे ही रेड कोरल सांप का है। दुधवा में दुलर्भ प्रजाति के इस सांप के देखे जाने के बाद पीलीभीत टाइगर रिजर्व में भी इसकी चर्चा आम हो गई है। यहां पर ऐसे सांपों की संख्या ठीक ठाक बताई जाती है। इसके पीछे कहा जाता है कि यहां पर नहरों का किनारा और तलहटी के कारण सांप यहां पर डेरा जमाए हुए है। वर्ष 2006 में सबसे पहले बराही रेंज में रहे वन दरोगा मोहित ने इस सांप को बाइफरकेशन के पास देखा था। इसका फोटो कर अधिकारियों को बताया गया था। वर्ष 2012 में रेड कोरल सांप का शव नहर किनारे बरामद किया गया था।
वर्ष 2018 में फिर से वन दरोगा मोहित कुमार इसेे देखा था। बार बार एक ही स्थान के आसपास सांप के देखे जाने के बाद अधिकारियों ने उनका संरक्षण के लिए निगरानी शुरू करवा दी थी। अब जब दुधवा में सांप के होने की चर्चा हुई तो अधिकारियों ने यहां पर भी निगरानी बढ़ा दी है। इसके अलावा अन्य कई दुलर्भ प्रजाति के जीव जंतुओं की पहचान कराई जाएगी। आदर्श कुमार उपनिदेशक पीलीभीत टाइगर रिजर्व ने बताया कि रिजर्व क्षेत्र में रेड कोरल सांप पाए जाते है। उनको भी कई बार दिखाई दिया है। पीलीभीत टाइगर रिजर्व में ऐसे सभी जीव जंतुओं का संरक्षण किया जा रहा है।