भाजपा को आरएसएस बता रही विधानसभा चुनाव जीतने का ‘मंत्र’

पंजाब और उत्तरप्रदेश सहित तीन और राज्यों  में होने वाले  विधानसभा चुनावों को देखते हुए आरएसएस भाजपा को चुनाव जीतने का मंत्र बता रही है। साथ ही आरएसएस ने भाजपा को किसानों के प्रति नरम रुख अपनाने और किसी भी समुदाय का विरोध करने से बचने के लिए कहा है। 

द इंडियन एक्सप्रेस के सूत्रों के अनुसार इस सप्ताह की शुरुआत में नोएडा में आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं और भाजपा नेताओं के बीच एक बैठक हुई। जिसमें उत्तरप्रदेश सरकार के मंत्री समेत पश्चिमी उत्तरप्रदेश के कई सांसद और विधायक भी शामिल हुए। बैठक में आरएसएस नेताओं ने भाजपा को सलाह दी कि किसान आंदोलन से सबसे ज्यादा प्रभावित पश्चिमी उत्तरप्रदेश में चीजों को शांत करने की जरूरत है। 

बता दें आरएसएस का यह भी मानना है कि सत्ताधारी बीजेपी उत्तरप्रदेश के कुछ हिस्सों में जाटों और सिखों के प्रति शत्रुतापूर्ण व्यवहार कर रही है जो उसके लिए काफी हानिकारक हो सकती है। भाजपा और आरएसएस नेताओं के बीच हुई इस बैठक में शामिल रहे संघ के वरिष्ठ नेता कृष्ण गोपाल ने भी भाजपा नेताओं को आंदोलनकारी किसानों के प्रति नरम रुख अपनाने की सलाह दी है। 

वहीं आरएसएस के साथ भाजपा का भी यह  इच्छा  है कि किसानों के विरोध प्रदर्शनों की वजह से पंजाब के सिख समुदाय में और जाटों में पार्टी के खिलाफ बहुत गुस्सा और आक्रोश पैदा हुआ है। हालांकि इसके बावजूद भी भाजपा नेताओं का मानना था कि पश्चिमी उत्तरप्रदेश में जाट पार्टी के खिलाफ भारी संख्या में मतदान नहीं करेंगे क्योंकि यहां कृषि कानून ही एक मात्र मुद्दा नहीं है। लेकिन पिछले दिनों लखीमपुर खीरी कांड में चार किसानों की हुई मौत ने स्थिति को बदल दिया।

 बताते चले की भाजपा के अंदर के सूत्रों ने यह स्वीकार किया कि पार्टी के नेता भी एक समूह द्वारा प्रदर्शनकारी किसानों को खालिस्तानी अलगाववादियों से जोड़ने के प्रयासों पर अलग अलग थे। इसी को लेकर इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि इस तरह के प्रयास से सिख समुदाय के बीच पार्टी की छवि खराब हुई है। हालांकि भाजपा पंजाब में चुनावी लाभ को लेकर बड़ी उम्मीदें नहीं पाल रही है। लेकिन सभी अल्पसंख्यक समुदायों का विरोध करना पार्टी के लिए अच्छा नहीं है। इससे पहले  भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी सार्वजनिक रूप से प्रदर्शनकारी किसानों को खालिस्तानी अलगाववादियों से जोड़े जाने के प्रयासों की निंदा की थी और चेतावनी देते हुए कहा था कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकता है। 

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पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाली निकिता सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ से ताल्लुक रखती हैं पिछले कुछ सालों से परिवार के साथ रांची में रह रहीं हैं और अब देश की राजधानी दिल्ली में अपनी सेवा दे रहीं हैं। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग अकादमी से पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद निकिता ने काफी समय तक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के न्यूज़ पोर्टल्स में काम किया। उन्होंने अपने कैरियर में रिपोर्टिंग से लेकर एंकरिंग के साथ-साथ वॉइस ओवर में भी तजुर्बा हासिल किया। वर्त्तमान में नमामि भारत वेब चैनल में कार्यरत हैं। बदलती देश कि राजनीती, प्रशासन और अर्थव्यवस्था में निकिता की विशेष रुचि रही है इसीलिए पत्रकारिता की शुरुआत से ही आम जन मानस को प्रभावित करने वाली खबरों पर पैनी नज़र रखती आ रही हैं। बेबाकी से लिखने के साथ-साथ खाने पीने का अच्छा शौक है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ में योगदान जारी है।
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