केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डी वी सदानंद गौड़ा ने प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत आज यहां प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले आठ प्रकार के पोषणयुक्त उत्पाद जारी किए।इनकी बिक्री देशभर में जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से की जाएगी
इस अवसर पर बोलते हुए गौड़ा ने बताया कि कोरोना-19 महामारी के मद्देनजर ऐसे पोषण युक्त उत्पादों को लाया जाना महत्वपूर्ण है। ये उत्पाद लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि ये उत्पाद गुणवत्ता के मामले में ऐसे अन्य उत्पादों के बराबर है लेकिन कीमत के मामले में 26 प्रतिशत अधिक सस्ते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जनऔषधि केंद्रों के विशाल नेटवर्क के माध्यम से ये प्रोटीनयुक्त उत्पाद बड़ी आबादी तक पहुंच सकेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार अब लोगों के समग्र स्वास्थ्य और पोषण की स्थिति में सुधार लाने के लिए कई पूरक आहार जैसे प्रोटीन सप्लीमेंट, माल्ट-आधारित पोषण पेय, प्रतिरक्षा बूस्टर आदि उपलब्ध करा रही है।
उन्होंने कहा कि हालांकि इस योजना की शुरुआत 2008 में की गई थी लेकिन फिर भी मार्च 2016 के अंत तक केवल 99 स्टोर हो खुल पाए थे। ऐसे में 2017 में खरीद, रसद, आईटी और नए केन्द्र खोले जाने जैसे सभी पहलुओं पर प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरुप इस योजना को एक नया कलेवर दिया गया।वर्तमान में देश में ऐसे 6587 केंद्र हैं। कुल 734 में से 732 जिलों को इन केन्द्रों के दायरे में लाया जा चुका है।
क्रं.स. | उत्पाद का नाम | उत्पाद पैक का आकार | पीएमबीजेपी एमआरपी (रु.) | तीन शीर्ष ब्रांड के एमआरपी का अनुपात | बचत प्रतिशत में |
जन औषधि पोषण माल्ट आधारित | 500 ग्राम का चूड़ीदार ढ़क्कन वाला प्लास्टिक जार | 175 | 236 | 26% | |
जन औषधि पोषण माल्ट कोक के साथचूड़ीदार ढ़क्कन वाला | 500 ग्रा. का प्लास्टिक जार | 180 | 243 | 26% | |
जन औषधि प्रोटीन पाउडर (चॉकलेट) | 250 ग्राम का टिन पैक | 200 | 380 | 47% | |
जन औषधि प्रोटीन पाउडर (वेनिला) | 250 ग्राम का टिन पैक | 200 | 380 | 47% | |
प्रोटीन पाउडर (केसर पिस्ता ) | 250 ग्राम का टिन पैक | 200 | 380 | 47% | |
जन औषधि जननी | 250 ग्राम का टिन पैक | 225 | 300 | 25% | |
प्रोटीन बार | 35 ग्राम | 40 | 80 | 50% | |
जन औषधि इम्यूनिटी बार | 10 ग्राम | 10 | 20 | 50% |
मंत्रालय प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया जैसे विभिन्न माध्यमों, डॉक्टरों, फार्मासिस्टों, उपभोक्ताओं जैसे सामाजिक प्रभाव समूहों से संबंधित सेमिनार द्वारा भारत में जेनेरिक दवाओं के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है। इसपर पिछले पांच वर्षों में लगभग 21 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इस वर्ष इसके लिए 12.90 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है।
जन औषधि केन्द्र खोलने के लिए आवेदकों को आमंत्रित करने और दुकानों की बढ़ती व्यवहार्यता के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है और इसके लिए अनुदान राशि 2.50 लाख रुपए से बढ़ाकर 5.00 लाख रुपए कर दी गयी है। सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला और दिव्यांग श्रेणी से संबंधित व्यक्तियों, पूर्वोत्तर राज्यों आकांक्षी जिलों और हिमालय क्षेत्र में पड़ने वाले राज्यों में किसी भी आवेदक को लिए ऐसे स्टोर खोलने के लिए 2 लाख रुपये का अनुदान एक बार में दे रही है।