अनुसूचित जाति के सांसद को लोकसभा में चर्चा केे लिए दिया जाता है कम समय दिया जाता है ऐसा मानना है बहराइच से दलित सांसद सावित्री बाई फुले का। बहराइच में बोलते हुए सांसद ने कहा कि लोकसभा में जब चर्चा करवाई जाती है तो अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति ,जनजाति, आदिवासी समाज पर जब भी चर्चा होने की बात आती है तो हम लोगों को बहुत कम समय दिया जाता है। जिससे बहुजन समाज के सांसद अपनी बात को कह नहीं पाता है। हालाँकि बहुजन समाज के लोग अपनी बात कहने में पीछे नहीं हैं बल्कि मै ये कहूँगी कि बहुजन समाज के सांसदों को आरक्षण बचाने के लिए एकजुट होकर साथ होना चाहिए। कलेक्टेट में धरने को संबोधित करते हुए बहराइच सांसद सावित्री बाई फुले यह बात कही। नमो बुद्धाय जन सेवा समिति के बैनर तले आयोजित धरना में राष्ट्रपति को संबोधित पंद्रह सूत्रीय ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट प्रदीप यादव को सौंपा।
मंगलवार को कलेक्टेट में सांसद सावित्री बाई फुले ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी थी। तय कार्यक्रम के अनुसार सुबह से ही कलेक्टेट नीले रंग के पांडाल में सज गया। सांसद संबोधन की शुरूआत अपने सरकार को कटघरे में करते हुए की। उन्होंने कहा कि बाबा साहब की प्रतिमा तोड़ने वालों की गिरफ्तारी प्रशासनिक अफसरों ने जानबूझकर नहीं की है। लोकसभा में इस मुद्दे को उठाने की चेतावनी उन्होंने जिला प्रशासन को दी। आरक्षण को खत्म करने की साजिश पर बहुजन समाज के हितों के लिये कुर्बान होने से पीछे न हटने की बात कहीं। उन्होने कहा कि अपना हक मांगने पर पुतला फूंका जा रहा है। एक नही हजार पुतला फूंका जाए तो मै डरने वाली नही। मै बहुजन समाज के लिए हक मांगने को तैयार हू और रहूंगी। जब तक जिंदा रहूंगी तब तक बाबा आंबेडकर की बात मंजिल तक पहुचाने का प्रयास करूगी। जेल में रहू या बाहर हम बहुजन समाज की लडाई लडती रहूगी। सांसद ने कहा कि मेरे पास इतना जमीन नही होगा कि मुझे दफना दिया जाए, इतना पैसा नही होगा कि कफन खरीद लिया जाए। बहुजन समाज से समझौता नही करूंगी। बहुजन समाज की बेटी हु इसलिए हमारी नही सुनी जा रही।
चुप रहने की दी जा रही धमकी
सांसद ने कहा की उन्हें चुप रहने की धमकी दी जा रहीं है, दबाव बनाया जा रहा है अगर हम डर गए तो हमारे बहुजन समाज का अधिकार खत्म हो जाएगा। अगर अधिकार पाने के लिए कुर्बान होना पडा तो हो जाउंगी। लेकिन चुप नही रहूगी। बाबा साहब के उद्देश्य को पूरा करने के लिए संघर्ष करूंगी। सांसद ने कहा कि जातीय जनगणना देश में होनी जरूरी है। जितनी जिसकी संख्या भारी, उतनी उसकी हिस्सेदारी होनी चाहिए। पिछड़े, दलितों व अल्पसंख्यकों को हक सही संख्या जानने के बाद ही मिल पाएंगी। उन्होंने कहा कि बहुजन तबके के पास नौकरी, रोजगार, खेती, घर की व्यवस्था नहीं है। बहुजन समाज की मां, बहन और बेटियों की इज्जत सुरक्षित नहीं है।
अरबपति, करोडपति की होनी चाहिए जांच
सांसद ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि भारत मेे अब उनकी जांच होनी चाहिए जो अरबपति है करोडपति है। उनका पैसा विदेश से मंगाया जाए और गरीबों में बांटा जाए। उन्होने कहा कि भारत में बहुत से ऐसे लोग है कि अगर शमशान व कब्रिस्तान न हो तो दफनाने के लिए जमीन नही है। सांसद ने न्यायिक सेवा में पिछड़े, अनुसूचित व अल्पसंख्यक लोगों के प्रवेश की मांग उठाई। उन्होंने कहा की न्यायपालिका में बहुजन की संख्या बढ़नी चाहिए।