मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस आर सुभाष की बेंच ने सुनवाई से इनकार करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट भेज दिया है। कोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए सवाल किया कि इसे लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट क्यों नहीं गए।
याचिका में परमवीर सिंह ने आरोप लगाया है कि फरवरी 2021 में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार कर क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के सचिन वाजे और एसीपी सोशल सर्विस ब्रांच संजय पाटिल जैसे अधिकारियों के साथ बैठक की थी।
याचिका में दावा किया गया है कि देशमुख ने उन्हें हर महीने ₹100 वसूली का लक्ष्य दिया था। उन्होंने अपनी याचिका में महाराष्ट्र सरकार गृह मंत्रालय और सीबीआई को प्रतिवादी बनाते हुए पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है। साथ ही पुलिस कमिश्नर से किए गए उनके ट्रांसफर आदेश को रद्द करने की अपील की है।
परमबीर सिंह ने लगाए थे ये आरोप
परमवीर सिंह ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में देशमुख पर फरवरी मध्य में पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर बार-रेस्टोरेंट्स से 100 करोड रुपए की वसूली करने का आरोप लगाया था। लेकिन देशमुख ने यह कहते हुए आरोपों को निराधार बताया था कि वह कोरोना पॉजिटिव होने के चलते 5 से 15 फरवरी तक नागपुर के अस्पताल में इलाज करा रहे थे। इसके बाद 16 से 27 फरवरी तक होम आइसोलेशन में रहे थे।
देशमुख का बचाव करते हुए यही तथ्य सोमवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी मीडिया के सामने रखे थे। भाजपा नेता ने देशमुख पर झूठ बोलने, सही तथ्य से अवगत नहीं कराने का आरोप लगाते हुए अजय कुमार भल्ला को कई सबूत सौंपे।