सीतापुर की तहसील लहरपुर के गांव रतौली-डीह में शारदा नदी के कटान पीड़ित किसान आमरण अनशन पर बैठ गए हैं। प्रदर्शनकारी किसानों ने 15 दिन पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिला प्रशासन को अपनी मांगों के लेकर एक ज्ञापन सौंपा था। मांगे ना पूरी होने पर आमरण अनशन का ऐलान किया था। किसानों की मांगें पूरी ना होने पर उन्होंने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। इस आमरण अनशन और धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में किसान जुट रहे हैं। कटान पीड़ित पड़ोसी गांव-बिचला बरेती, गुड़पुरवा, आबानगर, समौडी डीह के किसान भी एकत्र हो रहे हैं।
आपको बता दें कि रतौली डीह बाढ़ और कटान से बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हजारों हेक्टेयर जमीन को शारदा नदी ने काट दिया है। कई घर भी तबाह हुए हैं। किसानों की 5 प्रमुख मांगे हैं…रतौली डीह से लेकर बिचला बरते तक पक्का तटबंध लगाया जाए। 2-बाढ़ पीड़ितों को पीएम आवास योजना के तहत लाभान्वित किया जाए क्योंकि ज्यादातर किसान झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं 3- मंगल काटे से गांव तक पक्की सड़क बनायी जाए (बाढ़ में पक्की रोड खराब हो गई है)
4-रतौली डीह में प्राइमरी स्कूल बनाया जाए 5- ग्रामीणों को पीएम अन्न योजना का लाभ नहीं मिल रहा है कयोंकि लोगों के पास राशन कार्ड नहीं हैं…और ना ही बनाये जा रहे हैं।
आमरण अनशन पर मौजूद आशुतोष ने बताया कि गांव में शारदा नदी का कटान हर साल होता है…सैकड़ों घर और फसलें तबाह होती हैं लेकिन पक्का तटबंध नहीं लग रहा है। प्रदर्शनकारी रामखिलावन ने बताया बाढ़ पीड़ितों की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। मूलचन्द ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों को फसल का मुआवजा तक नहीं मिला है।
किसानों ने चेतावनी दी है कि सभी मांगें नहीं माने जाने तक आमरण अनशन जारी रहेगा।