ड्रग्स केस में गिरफ्तार हुए बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की जमानत पर 20 अक्टूबर को फैसला आना है। हालांकि इस मामले में अब सियासत भी तेज हो गई है। बता दें कि आर्यन खान को लेकर शिवसेना सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पहुंच गई है। शिवसेना नेता किशोर तिवारी ने अपनी तरफ से एक याचिका दायर की है, जिसमें आरोपियों के मौलिक अधिकारों का हवाला दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि, ड्रग्स केस में एनसीबी की भूमिका की जांच की जाये।
शिवसेना नेता ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि एनसीबी गलत भावना के साथ काम कर रही है। वहीं उन्होंने कहा कि, पिछले दो सालों से एनसीबी के अधिकारी मशहूर और चुनिंदा फिल्मी हस्तियों को अपना निशाना बना रहे हैं। ऐसे में एनसीबी के अधिकारियों की भूमिका को लेकर जांच होनी चाहिए।
बता दें याचिका में कहा गया है कि मामले का सच पता लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जज द्वारा एनसीबी की जांच हो। किशोर तिवारी ने आर्यन खान के मौलिक अधिकारों की रक्षा की मांग करते हुए चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना से इस मामले में स्वतः संज्ञान लेने की अपील की है।
वहीं शिवसेना की याचिका को लेकर बीजेपी प्रवक्ता राम कदम ने विरोध करते हुवे शिवसेना और अघाड़ी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि, क्या महाराष्ट्र सरकार और ड्रग माफियाओं के बीच कोई रिश्ता है, जो शिवसेना नेता उनका बचाव कर रहे हैं। राम कदम ने कहा, सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना नेता इस मुद्दे को उठा रहे हैं। हम किसी के विरोध में नहीं है, हम शाहरुख खान या किसी अन्य बॉलीवुड कलाकार के विरोध में नहीं हैं।
साथ ही उन्होंने सवाल किया कि, क्या महाराष्ट्र सरकार के नेताओं को ड्रग्स माफियाओं से पैसे मिल रहे हैं। हो सकता है इसी वजह से वे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ड्रग माफियाओं के बचाव में खड़े हो रहे हैं।
बता दें कि, आर्यन खान अभी आर्थर रोड जेल में बंद हैं। मुंबई के सेशंस कोर्ट में उनके वकीलों ने जमानत की याचिका डाली थी, जिसपर सुनवाई पूरी हो चुकी है, इसपर फैसला 20 अक्टूबर को आएगा।