धर्मवीर गुप्ता
जिला सहकारी बैंक बाँसी अपने मनमानी के चलते इन दिनों सुर्खियों में है इस कड़ाके की ठंड में खाताधारक अपनी धन निकासी के लिए बैंक पर सुबह से बैक खुलने का इंतजार करते है बैक खुलने पर यह पैसा न मिलने से निराश होकर घर लौटते है।
जिला सहकारी बैंक बाँसी समय से न खुलने और बैक कर्मचारियों की लापरवाही से परेशान है कड़ाके की ठंड में खाताधारक अपने जमा पूंजी निकालने के इंतजार में सुबह 7:00 बजे से बैंक खुलने का इंतजार करते हैं लेकिन बैंक कर्मी अपनी मनमानी तरीके से बैंक खोलते हैं. वहीं तमाम खाताधारकों ने बैंक के ऊपर आरोप लगाया कि हम अपना पेट काटकर मजदूरी करके इस बैंक में अपनी जमा पूंजी रखे हैं जरूरत पड़ने पर पैसा ना मिलने से काफी परेशान हैं इस कड़ाके की ठंड में महिला और पुरुष के साथ बुजुर्ग पैसा निकालने की घण्टो इंतजार करते हैं.
अगर बैंक खुल गया तो इन्हें पैसा ना होने का हवाला देकर निराश वापस घर लौटना पड़ता है. जब इन खाताधारकों की परेशानी का क्या कारण है तब वही जिला सहकारी बैंक ब्रांच बाँसी के कैशियर सत्यनारायण सिंह ने बताया कि बैंक घाटे में चलने की वजह से किसी तरह से कर्मचारियों को उनका वेतन ही मिल पाता है.
अगर कुछ बचत होती तो इन खाताधारकों को दिया जाता है महीने में 10 तारीख से 15 तारीख तक जो पैसा बैंक में किसी मद से आता तो वह खाता धारको को दिया जाता है. इसकी शिकायत ऊपर तक की जाती है लेकिन कोई सुनने वाला नहीं लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस ब्रांच में सैकड़ों से अधिक खाताधारक पैसा ना निकलने से काफी परेशान हैं. इस बैंक में कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं बैठता जो इन खाताधारकों की समस्या सुनने निस्तारण कर सके.