धर्मवीर गुप्ता
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के जिले का जिला अस्पताल अपने बदहाली के आंसू रो रहा है। जिले के गांधी स्मारक संयुक्त चिकित्सालय में आग लगने से बचाव के लिए लगाये जो अग्निशमन यंत्र लगाये है वो 2017 में ही इंस्पायर हो चुके इन अग्नि शमन यंत्रो का रिनीवल 2018 में ही हो जाना चाहिये था लेकिन 2021 लगने के बाद भी जिला अस्पताल में लगे अग्निशमन यंत्रो का रिनीवल नही कराया गया।
ऐसे में अगर जिला अस्पताल में आग लग जाये तो बड़ी घटना होने पर आखिर कैसे बचाव कर पायेंगे जिम्मेदार ये बड़ा सवाल है।क्योंकि जिन अग्निशमन यंत्रो का उपयोग आग लगने पर बचाव के लिये किया जाना है वो खुद ही बेकार है और हाथी के दांत के समान है।
इस लापरवाही के लिये आखिर कौन जिम्मेदार है जब इस बारे में जिला अस्पताल के जिम्मेदार सीएमएस से बात की गयी तो उनका गैरजिम्मेदाराना बयान आया उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उन्हें इसकी जानकारी ही नही है वो कागज दिखाएंगे तब बताएंगे।
ऐसे में सवाल है सीएमएस साहब से आखिर आपकी जो जिम्मेदारी है उसके लिए आखिर आप कागजो को कब देखेंगे जब कोई बड़ी घटना हो जाएगी आखिर 4वर्षो तक क्यों नही इस तरफ ध्यान दिया गया।आखिर इतनी बड़ी लापरवाही जब प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के जिले के जिला अस्पताल में की जा रही है तो प्रदेश के अन्य अस्पतालों का क्या हाल होगा।