धर्मवीर गुप्ता देश के प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन का सपना आखिर कैसे साकार होगा जब इस सपने को साकार करने वाले जिम्मेदार ही अपना काम सही से करने का काम नही कर रहे है। प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के उसका बाज़ार ब्लॉक के ग्राम पंचायत बरदहा में शौचालय सिर्फ नाम का बना हुआ है। इस गांव में शौचालय में कहीं दरवाजा नही लगा है तो कहीं छत ही नहीं लगा है।कुछ शौचालय ऐसे है जो कि खेतो में बना दिये गये है और शौचालय का गड्ढ़ा ही नहीं बनाया गया है।
सरकार जहा घर घर शौचालय देने का कार्य कर रही है वहीं लोग खुले मे शौच करने को आज भी मजबूर है इसकी वजह है भ्रष्टाचार सरकार द्वारा 12हजार रुपये स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत लाभार्थी के खाते में जाना चाहिये लेकिन हकीकत जो देखने को मिल रही है उसमें इस गांव में ठेकेदारी प्रथा से आधे अधूरे शौचालयों का निर्माण कराकर जिम्मेदारों ने पैसा हड़प लिया और कागजो में सभी के घरों में शौचालयो को बनवा भी दिया।
गांव के कुछ ग्रामीणों का आरोप है कि उनके शौचालय का पैसा ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी ने निकाल लिया कागज देखने पर पता चला उच्चधिकारियों से शिकायत करने के बावजूद भी कोई जांच करने नही आ रहा है।कुछ ग्रामीणों का आरोप है कि कागज में शौचालय पूरा बन गया लेकिन उनका शौचालय आज भी अधूरा है इसकी वजह है कि उन्हें शौचालय बनाने के लिये एक भी पैसा नही दिया गया ठेकेदारी से ग्राम प्रधान ने ही आधे अधूरे शौचालयों का निर्माण कराकर सारा पैसा लूट लिया।
वही सहायक खण्ड विकास अधिकारी का कहना है कि शौचालय निर्माण में अगर किसी ने पैसा लिया है तो जांच करायी जायेगी और दोषी पाये जाने पर कार्यवाही की जायेगी।अब आधे अधूरे बने इन शौचालयो का उपयोग लोग कैसे करे ये बड़ा सवाल है।आखिर कब तक सरकारी योजनाएं भ्रष्टाचार भेंट चढ़ती रहेगी और ये जांच का जुमला यू ही जिम्मेदार लोग पढ़ाते रहेंगे।