धर्मवीर गुप्ता
सिद्धार्थनगर जिले में सेमर और भिलोर के पेड़ों की कटान जोरो पर हो रही है. जिले में आपको कही भी सड़क किनारे ट्रकों में इन लकड़ियों को लोड करते आपको लोग मिल ही जायेंगे। यू तो गुटेल के पेड़ों की कटान उत्तर प्रदेश में फ्री है लेकिन यह जिला बाढ़ प्रभावित जिला है जिले में बहने वाली बूढी राप्ती नदी और राप्ती नदी पर बने बन्धो के किनारे पहले सरकारी धन खर्च कर बन्धो को कटान से बचाने के लिये भिलोर(गुटेल)का वृक्षारोपण किया गया और अब फ्री होने के कारण लगातार इन पेडो को काटा जा रहा है वो भी बिना किसी डर के।
आज जिले के बूढ़ी राप्ती नदी पर बने बन्धे पर मिश्रौलिया थाना क्षेत्र के महरथा में भिलोर(गुटेल)के पेड़ काटने और लमतिया गांव के करीब नदी और बंधे के बीच जामुन के जंगल से पेड़ काटने का मामला सामने आया जिस पर वन विभाग का अपना ही तर्क है कि इस प्राजाति की लकड़ी कटान से फ्री है इसी का फायदा उठाकर लोग इस समय लगातार कटान कर रहे इसमें हमारे भी पेड़ काट लेते है लेकिन पता नही चल पाता है ऐसे में जिले के बाँसी के वन अधिकारी को हिदायत दी गयी है कि वो सुबह में सड़क पर निगरानी रखे और वो रख भी रहे है 12लोगो के खिलाफ कार्यवाही की गयी और 2लाख के करीब जुर्माना भी लगाया गया है।
ऐसे में सवाल तो बनता ही कि वन विभाग के जिम्मेदार सड़को पर निगरानी रखे और लकड़ी माफिया उन पेडो की भी कटान कर ले जो बन्धो पर कटान रोकने के लिए पहले लगाया गया और और उसे बचा पाने में जिम्मेदार फेल हो रहे है तो क्या फ्री प्राजाति के वृक्ष लगाना ही गलत था या इनकी निगरानी न कर पाना गलत है।