सुधांशु पुरी/ अभिषेक श्रीवास्तव
सीतापुर।यदि कभी आप नगर पालिका के स्वास्थ महकमे से या फिर मलेरिया विभाग तंत्र से बात करे तो वो यही कहेंगे कि मच्छर ना पनपने दे, पानी ना रुकने दे यह बात सभी जानते है। क्योंकि हकीकत तो कुछ और ही होती है। सीतापुर में मच्छरों का आतंक बढ़ता जा रहा लेकिन विभाग की फॉगिंग केवल कागजों पर ही सिमट कर रह गयी है ।
आपको बता दें कि कभी डेंगू, मलेरिया,जैसी गंभीर बीमारीयों से दूर रहने की हम सबकी जिंदगी जिस तंत्र के सहारे है, उसके अंग नगर पालिका-स्वास्थ्य महकमा-मलेरिया विभाग इकाईयां अभियानों की रस्म अदायगी कर कागजी आंकड़ों को दुरुस्त करने में मशगूल हैं या फिर जानबूझकर लापरवाही की जा रही हैं और खतरे की जद में फंसे हम सब है।
सीतापुर जिले में इस वक़्त मच्छरों ने आतंक मचा रखा है, जहां देखिए वहां मच्छर, वहीं मच्छर भी ऐसे यदि शरीर पर काटे तो सीधा मलेरिया ,डेंगू की चपेट में और फिर शुरू होता है अस्पतालों के चक्कर का दौर। लेकिन इन सबके बीच जिन जिम्मेदारों को इसकी जिम्मेदारी दी गयी है वह अपनी जिम्मेदारी भूले हुए है। फॉगिंग कब हुई किसने कराई कुछ पता नही, मलेरिया विभाग कहता है शहर में नगर पालिका कराएगी और नगर पालिका का कहना है यह काम मलेरिया विभाग का लेकिन फॉगिग ना होने से लोगों ने अब शिकायत भी करना बंद कर दिया है क्योंकि उनकी सुनने वाला कोई भी नही। जिला अस्पताल में यदि हम बीते कुछ माह के मरीजों के आंकड़ों पर गौर करे तो दर्जनों मरीज बुखार की चपेट में आ चुके है और कई को डेंगू मलेरिया जैसी बीमारी से गुजरना पड़ा लेकिन विभागीय कर्मचारी और अफसर कागजों को दुरुस्त करते रहते है कि हर तरफ फोगिंग हो रही, मच्छर पर रोक लगी हुई है जब फॉगिंग हो रही तो फिर मच्छरों से लोगों को राहत क्यों नही मिल रही क्योंकि यह फॉगिंग केवल कागजों पर हुई असलियत में नही, वहीं लोग परेशान है और लगातार अस्पतालों के चक्कर लगा रहे है।