आकाश रंजन : पुरे देश में बिजली उत्पादन कंपनियों में कोयले की भारी कमी देखी जा रही है। कोयले की कमी पिछले 2 महीनो से चल रही है। जानकारों के मुताबिक कोयले की किल्लत इस साल मानसून के वजह से हो रही है। एक अखबार के रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में कुल 4 थर्मल पावर स्टेशन है। और चारो स्टेशन में सिर्फ 2.67 लाख मीट्रिक टन कोयला ही बचा है। ये 2.67 लाख मीट्रिक टन कोयला सिर्फ और सिर्फ चार दिन की खपत है। जबकि पिछले साल इन दिनों इन चारो प्लांट में 13 लाख टन कोयला था। मामले के जानकार बताते है कि पिछले 50 सालो में यह सबसे गंभीर हालात है।
सरकारी आंकड़े के अनुसार देश के 72 थर्मल प्लांट में 8817 मेगावाट बिजली का उत्पादन ठप पड चूका है। कुछ सालों से देश में बिजली की मांग में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। यही वजह से पावर एक्सचेंज में 10000 मेगावाट बिजली की ट्रेडिंग ₹20 प्रति यूनिट के हिसाब से हो रही है।
संकट का कारण एक ये भी है कि भारत सरकार ने कोल इंडिया को भुक्तान करने में देरी कर दी। जिससे तय वक़्त पर थर्मल प्लांट्स में कोयले की कमी होने लगी। आसान भाषा में समझे तो कोल इंडिया राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाली पावर प्लांट्स और एनटीपीसी जैसी सरकारी कंपनियों को कोयले की सप्लाई करती है। मांग को देखते हुए कोयले की सप्लाई पहले ही कर दीं जाती है। और भुगतान बाद में किया जाता है। जिसके बाद सरकार ने तय वक़्त तक भुगतान नहीं किया इसलिए कोल इंडिया ने कोयले की सप्लाई रोक दीं है। ऊर्जा मंत्री का बनयान आया है कि कोल इंडिया को बकाया राशि का भुगतान की प्रक्रिया को शुरू किया जा रहा है।
सबसे चिंताजनक बात है कि ऑस्ट्रेलिया से जो कोयला भारत आना है उसे चीन ने अपने बंदरगाह पर रोक रखा है। ऑस्ट्रेलिया से जो कोयला आयात किया जा रहा है वो 20 लाख टन से भी अधिक है। लेकिन महीनो से चीन के बंदरगाह पर पड़ा हुआ है। मालूम हो की कोयले की किल्लत कोई पहली बार नहीं हुई है। इससे पहले भी हो चुकी है। लेकिन इस साल का संकट वाकई बेहद चिंताजनक है। जिसे समय रहते हल नहीं किया तो पुरे देश को खामियाजन भुगतना पढ़ सकता है। बिजली संकट की गंभीरता को समझे तो मध्य प्रदेश में 5400 मेगावाट बिजली उत्पादन की ज़रुरत है। लेकिन फिलहाल पावर प्लांट्स 2371 मेगावाट बिजली ही उत्पाद कर पा रही है।
ऊर्जा मंत्री मध्य प्रदेश, प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बयान जारी कर कहा ,पूरे देश में कोयले का संकट है। लेकिन हम पावर सप्लाई में कोई दिक्कत नहीं होने देंगे। आगे उन्होंने कहा कि कोल इंडिया को बकाया राशि देने के लिए व्यवस्था की जा रही है। बिजली सप्लाई की दिक्कत नहीं होने देंगे। हमने पूरे इंतजाम कर लिए हैं। कोयले की कमी से थर्मल पावर प्लांट की कोई भी यूनिट बंद नहीं होने होगी।